प्रयागराज: अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड की सुनवाई 3 नवंबर को होगी। गौरतलब है कि पूर्व की तारीखों पर आरोपितों के अधिवक्ताओं के उपस्थित नहीं रहने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी। तीनों हत्यारोपित सनी सिंह, लवलेश तिवारी व अरुण मौर्य प्रतापगढ़ की जिला जेल में निरुद्ध हैं। इन्हें कोर्ट में जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पेश किया गया था। आरोपितों के विरुद्ध एसआईटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 13 जुलाई को आरोप पत्र दाखिल किया था। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद मुकदमे को परीक्षण हेतु सत्र न्यायालय को सुपुर्द करने का आदेश दिया था।
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि हत्यारोंपित अरुण, लवलेश और सनी सिंह के विरुद्ध आईपीसी की धारा 302, 307, 302, 120 बी, 419, 420, 467, 468 आईपीसी एवं आर्म्स एक्ट तथा 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत उनके विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया है। नियत तिथि पर इन्हीं धाराओं के अंतर्गत आरोपितों पर आरोप तय होना है।
अतीक अहमद के गनर रहे अजय खुराना का जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है। इस पर पांच करोड़ रुपये फिरौती मांगने का आरोप है। यह आदेश सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार राय ने आरोपित के प्रार्थना पत्र पर उसके अधिवक्ता के तर्कों एवं जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाबचंद अग्रहरि के तर्कों तथा पुलिस की ओर से प्रस्तुत किए गए कागजातों एवं सबूत का अवलोकन करने के बाद दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले की परिस्थितियों अपराध की गंभीरता एवं उसमें संलिपता को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने का कोई पर्याप्त आधार नहीं है।