Top News

पुलिस की गिरफ्त में नायब तहसीलदार, दुष्कर्म के प्रयास का सनसनीखेज आरोप

Jantaserishta Admin 4
27 Nov 2023 11:21 AM GMT
पुलिस की गिरफ्त में नायब तहसीलदार, दुष्कर्म के प्रयास का सनसनीखेज आरोप
x

बस्‍ती: यूपी के बस्ती जिले की सदर तहसील में तैनात महिला पीसीएस अफसर के घर में घुसकर रेप की कोशिश करने के आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है। बस्‍ती की कोतवाली पुलिस ने उसे रोडवेज बस स्टैंड से गिरफ्तार करने का दावा किया है। हालां‍कि आरोपी नायब तहसीलदार का दावा है कि उसने खुद सरेंडर किया है। आरोप है कि दीपावली से एक दिन पहले नायब तहसीदार ने महिला पीसीएस अफसर के तहसील परिसर स्थित आवास में आधी रात को घुसकर रेप की कोशिश की थी। पुलिस ने आरोपी मजिस्ट्रेट घनश्याम शुक्ला पर 25 हजार का इनाम घोषित कर रखा था।

इस आरोप के चलते निलंबित किए जा चुके नायब तहसीलदार ने गिरफ्तारी के बाद खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि सत्‍य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता। यह बात मैं बचपन से सुनता आया हूं और अब सत्‍य को परेशान होते देख रहा हूं। लेकिन इसको पराजित नहीं होने देना है। निलंबित नायब तहसीलदार ने कहा कि मेरे चरित्र पर बड़ा लांछन लगा है। मेरे माथे पर कलंक लगाने वालों को वक़्त के साथ जवाब मिल जाएगा। साज़िश के तार चाहे जितने लंबे हों सच के आसमान को नहीं छू सकते।

आरोपी नायब तहसीलदार ने कहा, ‘मुझे भरोसा है सत्य पर, मुझे भरोसा है माननीय मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ जी के शासन पर। मुझे भरोसा है प्रशासन पर, पुलिस पर, न्यायपालिका पर और सबसे बड़ा भरोसा है ईश्वर पर। वो कभी भी सत्य को पराजित नहीं होने देंगे इसीलिए आज मैं कोतवाली बस्ती में अपने आपको क़ानून को सुपुर्द कर रहा हूं।’

महिला अफसर से रेप की कोशिश का ये मामला दिवाली की रात का है। आरोप है कि नायब तहसीलदार घनश्‍याम शुक्‍ला महिला अधिकारी के सरकारी आवास में जबरन घुस गया और रेप की कोशिश की। पिछले 15 दिन में इस केस में कई उतार-चढ़ाव आए। मामला दर्ज होने के साथ ही विशाखा टीम की तीन महिला अधिकारियों ने जांच की थी। जांच में किसी तीसरे शख्‍स की भूमिका की बात भी सामने आई थी।

विशाखा टीम की रिपोर्ट आने तक पुलिस की जांच की रफ्तार धीमी थी। पुलिस की जांच शुरू होने के बाद आरोपी नायब तहसीलदार की मुश्‍किलें बढ़ती चली गईं। फरार नायब तहसीलदार की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छह टीमें दिन-रात जुटी थीं। अंतत: सोमवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

इस हाईप्रोफाइल प्रकरण में नित नए-नए खुलासे हो रहे हैं। घटना के 15 दिन बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि वारदात की रात 11/12 नवंबर को महिला अधिकारी और नायब तहसीलदार के अलावा कोई भी तीसरा व्यक्ति घटना स्थल पर मौजूद नहीं रहा है। अब पुलिस की थ्योरी में तीसरे शख्स की नामौजूदगी ने मामले को फिर से पेचीदा बना दिया है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पिछले कुछ दिनों से पुलिस हर तरह के जतन कर रही थी।

बस्‍ती के एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने रविवार को बताया था कि अब तक की जांच में घटनास्थल पर घटना के समय घनश्याम और पीड़िता के अलावा किसी अन्य व्यक्ति का होना नहीं पाया गया है। आरोपी नायब तहसीलदार ने विशाखा कमेटी को अपने बयान में सच से भ्रमित करने के लिए तीसरे व्यक्ति की बात गढ़ी थी। अन्य भौतिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर घनश्याम का कथन असत्य पाया गया है।

कमेटी की रिपोर्ट के समय सभी तथ्य सामने नहीं आ पाए थे, जिसके आधार पर ही कमेटी ने विवेचना में सभी बिंदुओं पर गहराई से जांच के लिए अग्रिम कार्यवाही की संस्तुति की थी। उन्‍होंने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट अंतरिम थी। आरोपी घनश्याम के विरुद्ध बलात्कार के प्रयास और हत्या की कोशिश के पर्याप्त साक्ष्य पाए जाने के बाद पु‍लिस ने न्यायालय से गैर जमानती वारंट (एनबीडब्‍ल्‍यू) हासिल किया और गिरफ्तारी की कोशिशों में जुट गई।

आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम को फरार रहने के दौरान संरक्षण देने के आरोप में पुलिस अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिसमें गोरखपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के आनंद विहार कालोनी में रहने वाली घनश्‍याम की बहन उषा उपाध्याय, कैंट थानांतर्गत दिव्यनगर खोराबार निवासी साले विश्वम नरायण द्विवेदी और ससुर प्रसिद्ध नरायण द्विवेदी शामिल हैं। कोतवाल विनय पाठक ने बताया कि बहन उषा उपाध्याय को जमानत मिल गई है। उन्हें जेल नहीं भेजा गया है।

उधर, बस्‍ती की रुधौली क्षेत्र के पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने सीएम योगी आदित्‍यनाथ को पत्र भेजकर महिला अधिकारी से दुराचार के प्रयास मामले में समकक्ष अधिकारी घनश्याम शुक्ला को कठोर दण्ड दिलाये जाने की मांग की है।

पत्र में कहा है कि महिला नायब तहसीलदार को जान से मारने व बलात्कार का प्रयास करने करने वाले समकक्ष अधिकारी पर कठोर कार्रवाई हो। विशाखा कमेटी की रिपोर्ट पर कई सवाल हैं। इसके लिए जनता भी सरकार पर सवाल खड़े कर रही है। सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

Next Story