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मंत्री के नाम का इस्तेमाल, किन्‍नर ने कर दिया कांड

Jantaserishta Admin 4
2 Nov 2023 5:24 AM GMT
मंत्री के नाम का इस्तेमाल, किन्‍नर ने कर दिया कांड
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कटक: ओडिशा सरकार में मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वैन के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. आरोपी ट्रांसजेंडर निकला. उसने एक अस्पताल की मालकिन को फोन किया और खुद को मंत्री का पीए बताकर हवन-पूजन के नाम पर 46 हजार रुपए का चंदा मांग लिया. बाद में सच पता चला तो अस्पताल प्रबंधन हैरान रह गया. मामले में पुलिस से शिकायत की गई. आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वो इससे पहले भी लोगों को झांसे में लेकर चूना लगा चुका है.

मामला कटक जिले का है. साइबर क्राइम पुलिस ने बताया कि पिछले महीने एक अस्पताल की मालकिन को कॉल आया था. फोन करने वाले ने खुद को ओडिशा सरकार में कृषि और किसान सशक्तिकरण मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वैन का पीए बताया था. उसने मंत्री की आवाज में बात की और निजी अस्पताल की मालकिन को झांसा में लेकर ठगी कर ली. मंगलवार को आरोपी ट्रांसजेंडर को गिरफ्तार कर लिया गया है.

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, आरोपी का नाम सौम्य रंजन प्रधान उर्फ ​​लकी उर्फ ​​सुलग्ना (30) है और अंगुल जिले के रानियाकाटा का रहने वाला है. निजी अस्पताल की मालकिन ने बताया कि 7 सितंबर को उनके हॉस्पिटल के नंबर पर एक कॉल आया. फोन करने वाले ने हमारे मैनेजर को बताया कि वो मंत्री का निजी सहायक है और एक जरूरी मसले पर मंत्री व्यक्तिगत रूप से अस्पताल की मालकिन से बात करना चाहते हैं.

ऐसे में अस्पताल की मालकिन को लगा कि मंत्री किसी मरीज के संबंध में कुछ जरूरी बात करना चाह रहे होंगे, इसलिए उन्होंने अपने पर्सनल मोबाइल नंबर से कॉल बैक किया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने मंत्री की आवाज में अस्पताल की मालकिन से बात की और कहा कि मां सिबनी दुर्गा नाम की धार्मिक हस्ती अस्पताल आना चाहती हैं. पूज्य माताजी के हवन में चंदा देने का आपको अवसर मिला है. कॉल के दौरान आरोपी ने फोन कथित दुर्गा को भी दिया. उस महिला ने कहा, वो एक हवन का आयोजन कर रही हैं और उसे 31 किलो घी की जरूरत है, जिसके लिए उसे करीब 46 हजार रुपये की आवश्यकता है. जालसाज ने यूपीए नंबर भी शेयर कर दिया.

अस्पताल की मालकिन का कहना था कि चूंकि वो बहुत बिजी थीं, इसलिए उसने संबंधित यूपीआई नंबर पर अपने बैंक खाते से 46,500 रुपये भेज दिए. बाद में शिकायतकर्ता ने पता किया तो सच्चाई जानकर हैरान रह गए. जांच में सामने आया कि मंत्री या उनके पीए की तरफ से कोई कॉल नहीं आई थी और उन्हें धोखा दिया गया था. जब कॉल बैक किया तो नंबर बंद था.

जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपी दो साल पहले दिल्ली गया था और वहां उसने काम करने का तरीका अपनाया. पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी दिल्ली से ओडिशा लौटे और यहां दान मांगने के लिए कृषि मंत्री के कार्यालय गए थे. वहां कथित तौर पर यह जान लिया कि मंत्री कैसे बातचीत करते हैं.

कुछ दिन बाद आरोपी ने कुछ मोबाइल नंबर और अनजान लोगों के बैंक अकाउंट एकत्र किए और इंटरनेट से उनका नंबर हासिल किया. उसके बाद निजी अस्पतालों, होटलों और रेस्टोरेंट के मालिकों को कॉल करना शुरू कर दिया. पुलिस ने बताया कि पिछले दो साल में आरोपियों ने 100 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी की और 10 लाख रुपये का चूना लगाया है.

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