गुजरात। दक्षिण गुजरात में दो दिनों से हुई बेमौसम बारिश ने किसानों को सबसे ज्यादा दुःख और नुकसान पहुंचाया है। बेमौसमी बारिश के कारण मौसमी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों के मुंह का निवाला छिन जाने से विकट स्थिति उत्पन्न हो गयी है। शनिवार और रविवार को सूरत समेत दक्षिण गुजरात के कई इलाकों में तेज हवाओं और ओलावृष्टि के साथ मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। बेमौसम बारिश के कारण किसानों की तैयार फसलें बर्बाद हो गयी हैं। बारिश के बाद खेत में गई किसान महिला की आंखें भर आईं। महिला ने आंखों में आंसू के साथ कहा कि हम गरीब किसान कर्ज में डूबकर दो रुपये कमाने के लिए मेहनत कर रहे हैं। उधार के पैसे से पौधारोपण किया। मेहनत आंखों के सामने एक झटके में बह गई। दक्षिण गुजरात के सूरत समेत कई इलाकों में तूफान के साथ बारिश ने नवंबर का रिकॉर्ड तोड़ दिया। तूफान के कारण शहर में 30 पेड़ गिरने से 3 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
मिनी तूफान के दौरान अधिकतम गति 55 से 60 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई। शीतकाल में बर्फीले तूफ़ान से भारी क्षति हुई। मानो आसमान से आफत बरसी हो और बाजार में जाने के लिए तैयार पोंक, पापड़ी, तुवर और ग्वार सहित खड़ी फसलें बह गईं। भारी क्षति के कारण किसानों में काफी निराशा है। बेमौसम बारिश के कारण साल भर की पूंजी के बराबर खड़ी फसल नष्ट हो जाने से आश्रित परिवारों की आंखें नम हो गयीं। भाठा गांव की रहने वाली उषाबेन पटेल ने कहा, मैं अपने खेतों में महेनत से सब्जियां लगाती थी, अब तुवेर लगायी है। फसल के लिए मैंने किसी और से पैसे उधार लिए। अचानक बारिश हुई है और मेरी खड़ी तुवेर की फसल में फिर से पानी भर गया है। जब मेरी फसल मेरी आंखों के सामने बह गई तो मेरी आंखों में आंसू आ गए। हम गरीब किसान कर्ज में डूबे हुए हैं और दो-चार रुपये कमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और इस तरह की बेमौसम बारिश के कारण आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। सर्दी की सब्जियां तैयार करने के लिए चार माह से तैयारी चल रही थी। जब तुवेर के लिए पूंजी लगाई गई और कर्ज लिया गया तो सारी मेहनत आंखों के सामने एक झटके में बह गई। मेरी सरकार से विनती है की असरग्रस्त किसानों को जल्द से जल्द वित्तीय राहत देना चाहीए।