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लोकतंत्र के महायज्ञ

Gulabi Jagat
1 Nov 2023 7:07 AM GMT
लोकतंत्र के महायज्ञ
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राजनांदगांव। पं दीनदयाल नगर में रहने वाली तृप्ति साहू ने आगामी चुनाव को देखते जनता से रिश्ता को एक शानदार कविता ई-मेल किया है.

चाल चरित्तर उंखर मन के, दिनों दिन गहिरावत हे।
मंदिर मस्जिद गिरिजा गुरुद्वारा घेरी घांव जावत हे।।
अंते तंते करही दल बदलही,देस सेवा बर जब्बर परन ।
फोकट बाँटे के खेला मा ,कोन्हों कहाँ पछवावत हे।।

भाषण मा कहिथे जनता जनार्दन,काबर मोल लगावत हे।
अइसन नइ बांचय देस राज,सब तरवा अपन ठठावत हे।।
चेतलगहा मन चेत करव,दाबे आगी कस झन सुलगव।
अवईया पीढ़ी कइसे जी पाही,अभी ले मन करलावत हे।।

झन बोहाबे तंय परलोकिया इंहा पेटी-पेटी बंटावत हे।
इहि दिन बर धरे सकेले,चिल्हर ओमन भंजावत हे।।
सिरतो तुमन जनार्दन अव,स्वारथ तज मतदान करव।
लोकतंत्र के महायज्ञ मा,आहुति के दिन तिरियावत हे।।

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