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मुजफ्फरनगर। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में कुछ छात्राएं बुर्का पहनकर रैंप वॉक करती नजर आ रही हैं। वीडियो यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के एक कॉलेज का बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार कॉलेज में एक फैशन शो का आयोजन किया गया था, जिसमें छात्राओं ने प्रतिभाग किया था। मुस्लिम छात्राओं के बुर्का पहनकर रैंप वॉक करने का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया। फैशन शो में छात्राओं द्वारा बुर्का पहनने पर जमीयत-ए-उलेमा ने नाराजगी जताई। साथ ही कार्रवाई की चेतावनी दे डाली।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उलेमा की ओर से कहा गया बुर्के को फैशन प्रदर्शन के लिए आइटम में रूप में न दिखाया जाए। जमीयत-ए-उलेमा की इस आपत्ति के बाद छात्राओं ने भी अपनी बात रखी। एक छात्रा ने बताया कि वह यह दिखाना चाहती थीं कि बुर्का भी फैशनेबल हो सकता है, न कि बुर्का सिर्फ घर पर पहना जाने वाला परिधान है। उन्होंने बताया कि चूंकि वह उस तरह के फैशन शो में हिस्सा नहीं ले सकती थीं, जहां छोटी पोशाकें पहनी जाती हैं, इसलिए वह मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए कुछ करना चाहती थीं।
मुजफ्फरनगर के श्रीराम कॉलेज में बुर्का पहनकर लड़कियों ने रेम्प वाक किया , कॉलेज में हुए इस फैशन शो के दौरान कई लड़कियों ने बुर्के को पहनकर इस शो में हिस्सा लिया ,
श्रीराम कॉलेज में रेम्प वाक में बुर्का पहनकर आयी लड़कियों पर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिये , pic.twitter.com/R9x35MeUc7
— Nargis Bano (@NargisBano70) November 27, 2023
मुजफ्फरनगर के श्री राम कॉलेज के शिक्षक डॉ. मनोज ने छात्रों की इस पहल का समर्थन किया। उन्होंने कहा हिजाब या बुर्का मुस्लिम महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा सकता है और विश्व स्तर पर इन परिधानों से संबंधित फैशन में अवसर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, वे बहुत मेहनती छात्र हैं। उनमें से एक ने सोचा कि उन्हें मुस्लिम महिलाओं के लिए कुछ रचनात्मक करना चाहिए और दिखाना चाहिए कि हिजाब भी फैशनेबल हो सकता है। हालाँकि, जमीयत-ए-उलेमा के जिला संयोजक मौलाना मुकर्रम कासमी ने कड़ी अस्वीकृति व्यक्त करते हुए कहा कि बुर्का फैशन प्रदर्शन की वस्तु नहीं है और ऐसा कृत्य एक विशिष्ट धर्म को लक्षित करता है, जो संभावित रूप से मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को आहत करता है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भविष्य में ऐसी घटनाएं हुईं तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। जमीयत-ए-उलेमा ने कहा है कि इस फैशन शो से मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। अगर आप फैशन शो कर रहे हैं तो करें लेकिन किसी एक धर्म को निशाना न बनाएं।
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