लड़की से लड़का बनकर की सगाई, सविता के साथ शादी कर नई जिंदगी होगी शुरू
शाहजहांपुर: लड़की से लड़का बने शरद सिंह की सगाई हो गई है। पिछले दिनों अपनी दोस्त से ही जेंडर चेंज कराकर शरद सिंह बन चुकी सरिता ने सगाई कर ली है। सगाई के बाद दोनों की शादी की तारीख भी तय हो गई। शरद सिंह अपने दोस्त के घर नवंबर में बारात लेकर जाएंगे। शादी को लेकर दोनों के परिवारों वाले तैयारियों में जुट गए हैं। बतादें कि पिछले साल जेंडर चेंज करवाकर नई पहचान पा चुके शरद सिंह ने पीलीभीत की रहने वाली अपनी दोस्त सविता सिंह से पिछले शुक्रवार को सगाई कर ली है। पहले तो दोनों के परिवार वाले इस रिश्ते से इनकार कर रहे थे लेकिन अब दोनों के रिश्ते से सभी काफी खुश हैं। 23 नवंबर को शाहजहांपुर से शरद सिंह की बारात पीलीभीत के लिए जाएगी।
अपनी दोस्त से सगाई के बाद शरद ने बताया, बचपन से ही उनके अंदर फीलिंग लड़कों वाली थी। लड़की के रूप में उन्हें भी आम लड़कों की तरह एक लड़की से प्यार हो गया। यह प्यार एकतरफा नहीं था। यह प्यार 18 साल पुराना है। शरद ने बताया कि वह अपनी प्रेमिका के साथ सालों से हैं। उसने भी परिवार से भी विरोध लिया लेकिन उनका साथ नहीं छोड़ा। जब प्रेमिका के घर वाले नरम हुए तो रिश्ता तय हो गया। शरद ने बताया कि 23 नवंबर को वह अपनी प्रेमिका के साथ शादी करेंगे। प्रेमिका उनकी ही बिरादरी की है और दूर की रिश्तेदार है।
सरिता सिंह ने पिछले साल जेंडर चेंज करवा लिया था। लिंग परिवर्तन कराकर लड़के के रूप में नई पहचान पाने वाली सरिता सिंह शहीद ठाकुर रोशन सिंह की प्रपौत्री हैं। शरद उनका निक नेम था। सरिता से शरद बनने के बाद उन्हें ट्रांसजेंडर का कार्ड भी दिया गया था और फाइनल मेल का कार्ड बनने की प्रक्रिया जारी है। सरिता सिंह जो अब शरद बन चुकी हैं, बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक हैं। शाहजहांपुर जिले के खुदागंज ब्लाक के गांव नवादा दरोबस्त निवासी और काकोरी कांड के नायक ठाकुर रोशन सिंह की प्रपौत्री सरिता सिंह को 2020 में बेसिक शिक्षा विभाग में बतौर शिक्षक नौकरी मिली थी। पैरों से दिव्यांग सरिता से शरद बनने तक के सफर में कठिनाइयां तो बहुत आईं लेकिन सरिता ने शरद बनने के लिए हर एक परेशानी का सामना किया।
जेंडर चेंज करा चुकीं सरिता से शरद ने बताया था कि उनमें बचपन से ही लड़कों वाली फीलिंग थी। कुदरत ने भले ही उन्हें लड़की बनाया लेकिन जब भी कोई उन्हें लड़की के रूप में ट्रीट करता तो उन्हें बहुत ही खराब लगता था। उन्हें चेहरे पर दाढ़ी मूंछ पसंद थी। लिंग परिवर्तन के बाद उनके चेहरे पर दाढ़ी मूंछ भी आ गई।
शरद रोशन सिंह ने बताया कि वह अपना लिंग परिवर्तन कराकर पुरुष बनना चाहते थे लेकिन परिवार में मां को समझाना बहुत कठिन था। इसके चलते मां को समझाने में थोड़ा वक्त लगा। भाई लोग पढ़े-लिखे हैं, इसलिए तुरंत मान गए। उधर, कोई बड़ी परेशानी न खड़ी हो, इसके लिए भाई चिंतित जरूर थे। मां को मना लेने के बाद काउंसलिंग आदि की प्रक्रिया शुरू कराई।