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गांजे के गुबार में गोते लगा रही है दिल्ली

shri ram
26 Feb 2022 7:57 AM GMT
गांजे के गुबार में गोते लगा रही है दिल्ली
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नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने की प्रशासन की कवायद फलीभूत होती प्रतीत नहीं हो रही है क्योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद नशे के कारोबारी पुलिस-प्रशासन से बेखौफ कानून को धता बताकर आज की युवा पीढ़ी को नशे के गर्त में धकेल रहे हैं।

श्री राम शॉ

नई दिल्ली। नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने की प्रशासन की कवायद फलीभूत होती प्रतीत नहीं हो रही है क्योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद नशे के कारोबारी पुलिस-प्रशासन से बेखौफ कानून को धता बताकर आज की युवा पीढ़ी को नशे के गर्त में धकेल रहे हैं। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने ऐसे कई शातिर अपराधियों को पकड़ कर अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्करों के गिरोह का भंडाफोड़ किया है।

जब इस संवाददाता ने दरियागज (गोलचा सिनेमा के आसपास), अजमेरी गेट, लाजपत नगर मार्किट, सीलमपुर (मुगल दरबार गली), पांडव नगर (मदर डेयरी के सामने), पहाड़गंज (होटल लाइन चूना गली), सुनहरी मस्जिद के पास के इलाके, भोगल चौक (निजामुद्दीन के पास) कृष्णानगर मेन रोड, गांधीनगर, एकमिनार मस्जिद के आस पास, कमला मार्किट, मजनूँ का टीला, राजेंद्र नगर, चाणक्यपुरी, पंजाबी बाग, चिराग दिल्ली, पटपड़गंज, सरोजनी नगर मार्किट, लाल किला की पुरानी रोड, चाणक्यपुरी, लाजपत नगर सेंट्रल मार्किट जैसे इलाकों का दौरा किया तो कई हैरान करने वाली समूहबद्ध आपराधिक गतिविधियां देखने को मिलीं जहाँ गांजा की बिक्री और सेवन धड़ल्ले से चल रही है।

कुछ ऐसी भी जगहें हैं जहाँ से स्थानीय थाना महज कुछ ही दूरी पर है, लेकिन नशे के कारोबारियों अथवा इसका सेवन करने वालों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उनसे बातचीत में कुछ चौकाने वाली बातें भी पता चलीं। ओडिशा से तस्करी होकर रायपुर होते हुए गांजे की खेप राष्ट्रीय राजधानी पहुंचती है। 400 रुपये की कीमत का गांजा दिल्ली पहुंचते पहुँचते 30 से 40 हजार का हो जाता है। राजधानी से अलग-अलग तरीकों से तस्कर देश के विभिन्न हिस्सों में इसकी सप्लाई कर रहे हैं।

नारकोटिक्स ब्यूरो के सूत्रों के मुताबिक, इस गिरोह का मकड़जाल कई राज्यों में फैला हुआ है। छद्मनाम और बड़े राजनीतिक रसूख के नाम पर तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है। सरकार की सख्त हिदायत के बाद भी पुलिस गांजा तस्करों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पा रही है। सीमाओं के चेकिंग नाकों में लगे सीसीटीवी कैमरे की आंख भी बंद है। ओड़िशा के मलकान गिरी से गांजा लाकर तस्करों ने रायपुर को गोडाउन बना रखा है।

सीमावर्ती जिलों के नाकों में लगे सीसीटीवी से आंख बचाकर गांजा स्टाकिस्ट खुलेआम सप्लाई जारी रखे हुए हैं। पुलिस आए दिन गांजों की बड़ी-बड़ी खेप पकड़ रही है। उसके बाद भी गांजा तस्कर तस्करी से बाज नहीं आ रहे हैं। सब्जी-भांजी की गाडिय़ों से लेकर किराना की दुकानों में बेखौफ गांजा की तस्करी पुलिस प्रशासन के लिए खुली चुनौती है।

दिल्ली के द्वारका से 18 सितंबर, 2021 को दो तस्करों को कार में लदे 358 किलो गांजा के साथ गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के इंटर-बॉर्डर गैंग इन्वेस्टिगेशन स्क्वॉड ने कार्रवाई को अंजाम दिया, जो कई दिनों से अंतरराज्यीय ड्रग सप्लाई रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए तलाशी अभियान चला रही थी। जब्त किए गए 358 किलोग्राम गांजा की कीमत 8-10 लाख रुपये बताए गयी। तब से लेकर अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और भारी मात्रा में गांजा भी जब्त किया गया है। पर, अफसोस इस पर पूरी तरह से नकेल नहीं कस पाई है।

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