सुरक्षा पर बड़ा खतरा: बांग्लादेशी नागरिक पकड़ाया, सालों से रह रहा था भारत में
गाजियाबाद: भारत में 15 वर्षों से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस दौरान उसके दो साथी अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में कामयाब हो गए। गिरफ्तार आरोपी ने दिल्ली के सीमापुरी का किरायानामा तैयार कर यहां का आधार कार्ड बनवा लिया था। पुलिस को उसके पास से बांग्लादेश का पासपोर्ट बरामद हुआ है।
एसीपी विवेक सिंह ने बताया कि सोमवार रात बेहटा नहर पर चेकिंग के दौरान पुलिस ने स्कूटी सवार एक बांग्लोदशी युवक शहादत को गिरफ्तार किया। वह दिल्ली के सीमापुरी की झुग्गियों में रहता था और अपने साथियों के साथ मिलकर चोरी और नशीले पदार्थों की तस्करी करता था। आरोपी के खिलाफ दिल्ली के विभिन्न थानों में 15 मुकदमे दर्ज हैं। उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है। आरोपी से बरामद स्कूटी उसने अपने एक रिश्तेदार के नाम से ली हुई थी। सोमवार रात वह अपने दो साथी आरिफ और सुहैल उर्फ हुसैन के साथ बेहटा नहर पर चोरी की वारदात करने की नीयत से घूम रहा था। मौके से भागे उसके साथियों की तलाश की जा रही है। दोनों साथी भी सीमापुरी की झुग्गियों में रहते हैं।
पुलिस के अनुसार, शहादत जब भारत आया तो वह न तो यहां की भाषा जानता था और ना ही उसके पास यहां का कोई आईडी प्रूफ था। भारत आकर वह हिंदी बोलना सीख गया और आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा।
पांच बार जेल गया, पर बांग्लादेशी होने का पता नहीं चला : एसीपी विवेक सिंह ने बताया कि शहादत दिल्ली के विभिन्न थानों से चार बार और एक बार गाजियाबाद के लिंक रोड थाने से जेल गया। पांचों बार वह कूटचरित तरीके से बनवाए गए आधार कार्ड के पते पर ही जमानत कराकर बाहर आता रहा, लेकिन पहली बार उसके बांग्लादेशी होने का पता चला।
शहादत ने बताया कि उसके पास पहले बांग्लादेश का पासपोर्ट नहीं था, इसलिए उसने बॉर्डर पर कंटीले तारों के नीचे से भारत में प्रवेश किया। इसके बाद उसने बांग्लादेश का पासपोर्ट बनवा लिया। उसका पासपोर्ट 31 अक्टूबर 2019 को बना और इसकी वैधता 30 अक्टूबर 2024 तक है।