दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाले की जांच की आंच अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई है. इस मामले में 16 अप्रैल को सीबीआई द्वारा लगभग 9 घंटे तक पूछताछ करने के छह महीने बाद केजरीवाल आज गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सामने पेश होने वाले हैं. ईडी ने उन्हें पूछताछ के लिए सुबह 11 बजे बुलाया है. इसके चलते सीएम दफ्तर से लेकर ईडी के कार्यालय तक सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है.
दरअसल, जब से केजरीवाल को ईडी ने पेश होने के लिए समन भेजा गया है, तब से ही दिल्ली का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. आम आदमी पार्टी कह रही है कि बीजेपी INDIA गठबंधन से डर गई है, इसीलिए एक-एक करके INDIA के नेताओं को चुनावी हथियार ईडी के जरिए डराने की कोशिश हो रही है, जबकि बीजेपी लगातार कह रही है कि पूछताछ कानून के तहत ही हो रही है और घोटाले के मास्टरमाइंड केजरीवाल ही हैं.
स्थिति के मद्देनजर दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड में है. पुलिस जगह-जगह बैरिकेट लगाकर वाहनों की चेकिंग भी करेगी. वहीं नई दिल्ली इलाके में अगर कोई प्रदर्शन करता है तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाए. इसके अलावा ED हेडक्वॉर्टर के आस-पास भी पुलिस का भारी बंदोबस्त रहेगा.
इस बीच कई नेताओं का मानना है कि अगर केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं, तो पार्टी ने अभी यह नहीं सोचा है कि उनकी जगह नेतृत्व कौन करेगा। पार्टी के एक नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा कि उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में पार्टी के वरिष्ठ नेता नेतृत्व की भूमिका पर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि चूंकि मनीष सिसौदिया, सत्येन्द्र जैन और संजय सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता पहले से ही सलाखों के पीछे हैं, कैबिनेट को जेल के अंदर से चलाया जा सकता है, क्योंकि इस बात पर कोई चर्चा नहीं है कि पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा। पार्टी नेता ने यह भी दावा किया कि भाजपा को आप की बढ़ती लोकप्रियता पसंद नहीं है, क्योंकि यह उनके लिए सीधा खतरा है। यह टिप्पणी ईडी द्वारा केजरीवाल को उत्पाद नीति मामले में पूछताछ के लिए बुलाए जाने के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें आप नेता सिसोदिया और संजय सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में ईडी ने केजरीवाल को पहली बार तलब किया है। इस साल अप्रैल में इसी मामले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उनसे पहले पूछताछ की थी।