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खतरे में 40 जिंदगियां: सुरंग में बचाने की जंग जारी, जानें अब क्या हो रहा

Jantaserishta Admin 4
15 Nov 2023 8:13 AM GMT
खतरे में 40 जिंदगियां: सुरंग में बचाने की जंग जारी, जानें अब क्या हो रहा
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उत्तरकाशी: उत्तरकाशी के सिलक्यारा में हुए सुरंग हादसे का बुधवार को चौथा दिन है। 80 घंटों से ज्यादा समय से टनल में फंसे 40 मजदूरों को बचाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। प्राकृतिक बाधा के कारण हालांकि रेस्क्यू के लिए ड्रिलिंग की रफ्तार धीमी है।

मलबा लगातार ऊपर से गिर रहा है, जिसके कारण ड्रिलिंग की गति धीमी है। लेकिन मजदूरों को जल्द रेस्क्यू करने के लिए प्लान बी पर भी काम चल रहा है। केंद्रीय एजेंसियां एयरफोर्स की मदद से भारी ऑगर ड्रिलिंग मशीनें ला रही हैं। इस मशीनों से रेस्क्यू ऑपेरशन की रफ्तार तेज होगी।

उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, “हम जल्द ही सभी श्रमिकों को सुरक्षित बचा लेंगे।” इसके साथ ही सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के चलते फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए अब उम्मीदें भारी ऑगर मशीन पर टिकी हुई हैं। पाइप पुशिंग तकनीकी वाली यह मशीन सुरंग में आए मलबे के बीच ड्रिलिंग कर 880 से 900 एमएम के पाइप को अंदर भेजेगी। इससे एक रास्ता तैयार होगा। उस रास्ते से टनल के अंदर फंसे लोग बाहर आ पाएंगे। रविवार सुबह यानि दिवाली के दिन निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में भूस्खलन हुआ था। भूस्खलन के बाद मलबा 60 मीटर के दायरे में फैला हुआ है। सोमवार से लेकर मंगलवार तक करीब 25 मीटर क्षेत्र से मलबा हटाया गया। लेकिन रुक-रुककर मलबा गिरना जारी है। इसके चलते राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है।

आपको बता दें कि मंगलवार को रात करीब 12 बजे मशीन से ड्रिलिंग का काम शुरू हुआ। इसके साथ ही श्रमिकों को बचाने की उम्मीद भी बढ़ी। सुरंग के अंदर मलबे में पहला पाइप डालने के लिए ड्रिलिंग शुरु हुई। लेकिन ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी आ गई जिसके बाद खराब मशीन को हटाकर नई ड्रिलिंग मशीन की स्थापना के लिए प्लेटफॉर्म लेवलिंग का काम शुरू किया गया। मशीन में खराबी से रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हुआ है।

तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि आज बुधवार को मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। इसके पूर्व मंगलवार को सुबह से लेकर रात तक कई बार उम्मीदें बंधती और बिगड़ती रहीं। हरिद्वार से आयरन पाइप और देहरादून से ड्रिलिंग के लिए ऑगर मशीन पहुंचने के बाद दोपहर को प्लेटफार्म तैयार करने का काम शुरू हुआ। इस दौरान मलबा गिरने से कुछ समय तक कार्य बाधित रहा। रात करीब नौ बजे जब सुरंग में ड्रिलिंग शुरू हुई तो फिर मलबा गिरने लगा। जिससे उस स्थान को शॉटक्रिटिंग कर सीमेंट का छिड़काव किया गया।

उसके सेट होने पर रात करीब 12 बजे फिर ड्रिलिंग शुरू हुई। इसके लिए पूजा भी की गई। इतना ही नहीं पिछले 80 घंटों से भी ज्यादा समय से टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलने के लिए हर कोशिश की जा रही है लेकिन एक के बाद एक कोई नई समस्या सामने आ कर खड़ी हो जा रही है। मंगलवार को जब कुछ मजदूर मलबा हटाने का काम कर रहे थे, तब काम कर रहे मजदूरों पर मलबा गिर गया। इसके बाद मजदूरों के बीच भगदड़ मच गई। भगदड़ में एक मजदूर घायल भी हो गया। घायल मजदूर को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद मिट्टी हटाने का कार्य कर रहे लोगों और मशीन ऑपरेटरों को चौकन्ना होकर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

आपको बता दें कि, दीवाली की यानी 12 नवंबर को सुबह करीब 5:30 बजे ये हादसा हुआ। यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर मलबा गिरा। देखते-देखते 30 से 35 मीटर हिस्से में पहले हल्का मलबा गिरा। फिर अचानक भारी मलबा व पत्थर गिरने लग। जिसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 40 मजदूर अंदर ही फंस गए।

#WATCH | Uttarkashi tunnel accident | Heavy auger drilling machines have reached Chinyalisaur helipad for relief and rescue in Silkyara Tunnel of Uttarkashi district. These are being connected; drilling work will start soon. #Uttarakhand pic.twitter.com/5EztpsN4Qb

— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 15, 2023

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