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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अब तालिबान को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की 76वीं महासभा में पैरवी करेंगे। इमरान का महासभा में संबोधन शुक्रवार को होना है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अब तालिबान को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की 76वीं महासभा में पैरवी करेंगे। इमरान का महासभा में संबोधन शुक्रवार को होना है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कहा कि खान संबोधन में अफगानिस्तान की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करेंगे।
आतंकी गुट पाक की कठपुतली, इसीलिए है मान्यता दिलाने की जल्दी
ऐरी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान जल्द से जल्द अफगानिस्तान में शांति व स्थायित्व लाना चाहता है। इसी सिलसिले में बीते शनिवार पाक प्रधानमंत्री ने बताया था कि वे अफगानिस्तान में समावेशी सरकार बनाने के लिए तालिबान से बात कर रहे हैं। इससे पहले खान ने शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक में भी अफगानिस्तान के मसले को उठाया था। पाक प्रधानमंत्री जिस भी मंच पर जा रहे हैं, वहां तालिबान का समर्थन कर रहे हैं। मंगलवार से शुरू 76वीं महासभा बैठक हाईब्रिड तरीके से आयोजित होगी। महासभा में इस बार चर्चा की विषयवस्तु 'बिल्डिंग रेजिलिएंस' यानी लचीलेपन का निर्माण है। एजेंसी
तालिबान पाक का खिलौना
अमेरिकन एंटरप्राइजेस इंस्टीट्यूट के स्थानीय अध्येता माइकल रूबिन नेशनल इंटरेस्ट मैग्जीन में लिखते हैं, आईएसआई ने तालिबान का पाकिस्तान के लिए एक उपकरण के तौर पर इस्तेमाल किया। आईएसआई प्रमुख अमेरिका के खिलाफ तालिबान का साथ देने की बात खुलकर स्वीकार चुके हैं और उन्हें इसका कोई मलाल नहीं है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इसकी वजह से पहले से ही खराब पाकिस्तान की साख को बड़ा धक्का लगा है। बीते माह जब तालिबान के आपसी झगड़े निपटाने के लिए आईएसआई प्रमुख फैज हमीद काबुल गए थे, उसी समय यह साफ हो गया था कि तालिबान आईएसआई की कठपुतली मात्र है।
इमरान पर भड़का तालिबान कहा-उपदेश नहीं चाहिए
अफगानिस्तान पर कब्जे के लिए तालिबान को मदद देने वाले पाकिस्तान को दहशतगर्द समूह ने दो टूक जवाब दे दिया है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से समावेशी सरकार बनाने की नसी
हत पर तालिबान ने कहा है कि उसे पाकिस्तान या अन्य देश से यह उपदेश नहीं चाहिए कि सरकार कैसी बनना चाहिए। तालिबानी प्रवक्ता और उपसूचना मंत्री जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक इंटरव्यू में कहा, किसी भी देश को यह मांग करने का अधिकार नहीं है कि अफगानिस्तान में समावेशी सरकार बने। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को कहा था कि उन्होंने काबुल में एक समावेशी सरकार के लिए तालिबान के साथ 'बातचीत शुरू' की है, जिसमें ताजिक, हजारा और उज्बेक समुदाय के लोग शामिल होंगे।
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