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फॉर्म-16 सैलरीड क्लास के लिए क्यों है

HARRY
9 May 2023 5:17 PM GMT
फॉर्म-16 सैलरीड क्लास के लिए क्यों है
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इतना जरूरी, जानिए- यहां

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ITR Filing | Form-16 Importance: फॉर्म-16 सैलरीड क्लास के लिए एक जरूरी डॉक्यूमेंट है. इसमें उनकी इनकम और वित्तीय वर्ष के दौरान किए गए टैक्स के भुगतान का डीटेल होता है. यह इंप्लॉयर द्वारा कर्मचारी को जारी किया जाता है और इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए इसको रिफरेंस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

इनकम प्रूफ (Income Proof)

फॉर्म-16 वित्तीय वर्ष के दौरान कर्मचारी द्वारा अर्जित इनकम के प्रूफ के तौर पर कार्य करता है. इसमें अर्जित वेतन, प्राप्त भत्ते, स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) और इंप्लॉयर द्वारा की गई अन्य कटौती का डीटेल शामिल है. इसका इस्तेमाल कर्मचारी की टैक्सेबल इनकम के कैलकुलेशन के लिए किया जाता है.

टीडीएस सर्टिफिकेट

फॉर्म-16 इंप्लॉयर द्वारा कर्मचारी को जारी किए गए टीडीएस सर्टिफिकेट के तौर पर भी कार्य करता है. यह कर्मचारी के वेतन से काटे गए और उनकी ओर से सरकार के पास जमा की गई टैक्स की राशि को दर्शाता है. टीडीएस राशि हर महीने कर्मचारी के वेतन से उनके टैक्स स्लैब और अन्य कटौतियों के आधार पर काट ली जाती है. आईटीआर फाइल करते समय टीडीएस सर्टिफिकेट वित्तीय वर्ष के दौरान कर्मचारी द्वारा भुगतान किए गए टैक्स को दर्शाता है.

आईटीआर फाइलिंग में आसानी

फॉर्म-16 सैलरीड क्लास के लिए आईटीआर फाइलिंग प्रक्रिया को सरल बनाता है, क्योंकि इसमें टैक्स भरने के लिए आवश्यक सभी जरूरी डीटेल शामिल होते हैं. फॉर्म में इंप्लॉयर, कर्मचारी और काटे गए टीडीएस की जानकारी होती है, जिसे आसानी से आईटीआर फॉर्म में कॉपी और पेस्ट किया जा सकता है. इससे समय की बचत होती है और ITR फाइल करते समय गलतियों की संभावना रहती है.

टैक्स क्रेडिट्स

फॉर्म-16 सैलरीड क्लास के लिए टैक्स क्रेडिट के प्रूफ के तौर पर भी माना जाता है. यह कर्मचारी की ओर से इंप्लॉयर द्वारा भुगतान किए गए टैक्स को दर्शाता है और इसका इस्तेमाल आईटीआर दाखिल करते समय टैक्स क्रेडिट को क्लेम करने के लिए किया जाता है. टैक्स क्रेडिट का दावा कर्मचारी द्वारा देय कुल टैक्स के विरुद्ध किया जा सकता है, जिससे उनकी टैक्स देनदारी कम हो जाती है.

वेरीफिकेशन

फॉर्म-16 (Form 16) एक जरूरी डॉक्यूमेंट है, जो इनकम टैक्स विभाग द्वारा कर्मचारी की इनकम और टैक्स डीटेल के वेरीफिकेशन में मदद करता है. फॉर्म इंप्लॉयर द्वारा जारी किया जाता है और आईटीआर फाइल करने से पहले कर्मचारी द्वारा वेरीफाई किया जाता है. इनकम टैक्स विभाग द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए भी क्रॉस-चेक किया जाता है कि कर्मचारी द्वारा भुगतान किए गए टैक्स उनकी इनकम के मुताबिक हैं.

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