प्रौद्योगिकी

दिमाग को हैक किया जाएगा...आ गई ये टेक्नोलॉजी, जानें सब कुछ

jantaserishta.com
25 July 2022 10:26 AM GMT
दिमाग को हैक किया जाएगा...आ गई ये टेक्नोलॉजी, जानें सब कुछ
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: स्मार्टफोन, कम्प्यूटर, ऑनलाइन सर्वर और कई तरह की टेक्नोलॉजी को आपने हैक होते सुना होगा. क्या आपने कभी किसी के दिमाग को हैक होते सुना है? साइंटिस्ट्स ने यह कर दिखाया है. अमेरिका में कुछ टॉप इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट्स ने ऐसी टेक्नोलॉजी इजात कर ली है. उन्होंने एक ऐसी वायरलेस टेक्नोलॉजी दिखाई है, जो दिमाग को हैक कर सकती है.

वैसे इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इंसान नहीं बल्कि मक्खी को कंट्रोल करने में किया गया है. मगर इस दिशा में यह एक बड़ा कदम है. रिपोर्ट्स की मानें तो इस टेक्नोलॉजी की मदद से महज एक सेकेंड में मक्खी के दिमाग को कंट्रोल कर सकते हैं. ये वायरलेस टेक्नोलॉजी मक्खी के दिमाग में मौजूद न्यूरॉन्स को कंट्रोल करती है.
वैज्ञानिक लंबे समय से दिमाग के काम करने के तौर तरीकों पर रिसर्च कर रहे हैं. इससे उन लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश की जा रही है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.
नेशनल साइंस फाउंडेशन और डिफेंस एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी ने ऐसी हेडसेट टेक्नोलॉजी डेवलप की है, जो ना सिर्फ दिमाग के न्यूरॉन्स को पढ़ सकती है, बल्कि उन्हें किसी दूसरे के हिसाब से लिख भी सकती है.
इस प्रोग्राम का नाम Magnetic, Optical, Acoustic Neural Access (MOANA) है. इसका उद्देश्य एक ऐसा वायरलेस हेडसेट तैयार करना है, जो दिमाग से दिमाग के कम्यूनिकेशन को नॉन-सर्जिकल तरीके से कर सके.
Rice यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेशर Jacob Robinson और उनकी टीम ऐसा एक तरीका खोज निकाला है, जो मक्खियों के दिमाग को हैक कर सकता है.
इस काम के लिए रिसर्च टीम ने जेनेटिक इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया है. इसकी मदद से मक्खियों के न्यूरॉन सेल में एक स्पेशल आयन चैनल एक्सप्रेस किया गया, जिसे गर्मी से जरिए एक्टिव किया जाता है.
जैसे ही आयन चैनल एक्टिवेट होता है, मक्खी अपने पंख फैलाने लगती है. अपनी मर्जी से चैनल एक्टिवेट करने के लिए वैज्ञानिको ने मक्खियों में नैनोपार्टिकल इंजेक्ट किया, जिन्हें मैग्नेटिक फिल्ड के जरिए गर्म किया जाता है.
रिसर्चर्स जब इलेक्ट्रोमैग्नेट को एक्टिवेट करते हैं. इलेक्ट्रिक फिल्ड मक्खियों में मौजूद नैनोपार्टिकल को गर्म करना शुरू कर देती है. इससे न्यूरॉन एक्टिवेट हो जाते हैं और मक्खियां अपने पंख को फैलाने लगती हैं.


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