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Eros International Media Ltd के शेयरों में भारी गिरावट

HARRY
23 Jun 2023 3:05 PM GMT
Eros International Media Ltd के शेयरों में भारी गिरावट
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नई दिल्ली | Eros International Media Ltd के शेयरों में आज लगभग 20 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। शुक्रवार को सेबी द्वारा मीडिया और मनोरंजन फर्म, इसके प्रमोटरों, एमडी सुनील अर्जन लुल्ला और सीईओ प्रदीप कुमार द्विवेदी को फंड के संभावित डायवर्जन से संबंधित मामले में प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित करने के बाद इरोस इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड के शेयरों में आई इस गिरावाट के बारे में बताया गया।

Eros International Media Ltd का BSE पर स्टॉक 19.96 फीसदी गिरकर 21.08 रुपये पर आ गया है। वहीं NSE पर कंपनी के शेयर कमजोर शुरुआत के बाद 19.92 प्रतिशत गिरकर 21.10 रुपये पर आ गए। इसके अलावा, गुरुवार को सेबी के अंतरिम आदेश के अनुसार, लुल्ला और द्विवेदी को अगले आदेश तक इरोज इंटरनेशनल या उसकी सहायक कंपनियों सहित किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी का पद संभालने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

Eros International और इसके दो वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, दो प्रमोटर यूनिट्स इरोस वर्ल्डवाइड एफजेड एलएलसी और इरोस डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड पर भी बाजार नियामक ने रोक लगा दी है।

नियामक ने बीएसई को तीन सूचीबद्ध कंपनियों के खातों की जांच के लिए एक फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने प्रथम दृष्टया इसमें एक माध्यम के रूप में काम किया था। इनमें थिंकिंक पिक्चर्ज लिमिटेड, मीडियावन ग्लोबल एंटरटेनमेंट लिमिटेड और स्पाइसी एंटरटेनमेंट एंड मीडिया लिमिटेड शामिल है।

आपको बता दें कि Eros पर धन की कथित हेराफेरी का आरोप है। इसको लेकर फोरेंसिक ऑडिटर तीन महीने के भीतर एक्सचेंज को रिपोर्ट सौंपेगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि Eros International की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।

SEBI ने अपने 53 पेज के आदेश में प्रथम दृष्टया पाया कि कंपनी की अकाउंट बुक्स को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और ये उसके वित्तीय स्वास्थ्य की सही और निष्पक्ष तस्वीर पेश नहीं करता है। सेबी ने कहा कि content advance entities और trade receivable entities के बीच लेनदेन से यह संभावना बढ़ जाती है कि Eros International धन प्रसारित कर रहा था, जिसके तहत कंटेंट अग्रिम के रूप में हस्तांतरित राशि को बाद में व्यापार प्राप्य संस्थाओं के माध्यम से राजस्व के रूप में मान्यता दी गई थी।


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