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प्रौद्योगिकी
Scientists discovered the sixth sense: साइंटिस्टों ने पता लगाई ये छठी इंद्री
Rajeshpatel
12 Jun 2024 5:44 AM GMT
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Scientists discovered the sixth sense: इंसान की बॉडी में पांच बेसिक सेंस होते हैं- छूना, देखना, सुनना, सूंघना और स्वाद. हरेक सेंस से जुड़े सेंसिंग अंग दिमाग को जानकारी भेजते हैं, ताकि हमारे आस-पास की दुनिया को समझने में मदद मिल सके. मगर कई बार आपने लोगों की जुबान से सुना होगा कि सिक्स्थ सेंस के बारे में जरूर सुना होगा. कई लोग दावा करते हैं कि उनका सिक्स्थ सेंस किसी घटना के होने के बारे में पहले ही बता देता है, और वो घटना हकीकत में हो जाती है.
पहला सेंस- छूना (Touch Sense)
टच यानी स्पर्श को इंसानों का पहला सेंस माना जाता है. टच करने में स्किन में स्पेशल न्यूरॉन्स या नर्व सेल्स के जरिए दिमाग को कई तरह के एहसास भेजे जाते हैं. दबाव, तापमान, हल्का टच, कंपन, दर्द जैसे एहसास सभी टच सेंस का हिस्सा हैं और सभी स्किन में अलग-अलग रिसेप्टर्स के लिए जिम्मेदार हैं.
दूसरा सेंस: देखना (Sight Sense)
दृष्टि, या आंखों के जरिए चीजों को समझना, एक मुश्किल काम है. सबसे पहले रौशनी किसी चीज से रिफ्लेक्ट होकर आंख में आती है. आंख की पारदर्शी बाहरी परत जिसे कॉर्निया के नाम से जाना जाता है, रौशनी को मोड़ती है, जिसमें से कुछ रौशनी आंख में एक छेद से होकर लेंस तक जाती है जिसे पुतली कहते हैं.
तीसरा सेंस: सुनना (Hearing Sense)
सुनने के काम को हमारे काम अंजाम देते हैं. आवाज एक्स्टर्नल ऑडिटरी कैनल या कान की नली नामक बाहरी कान में एक रास्ते के साथ बाहर से फनल की जाती है. फिर, साउंड वेव टिम्पेनिक झिल्ली या ईयरड्रम तक पहुंचती हैं. ये कनेक्टिव टिशू की एक पतली परत होती है जो साउंड वेव के टकराने पर वाइब्रेशन करती है.
चौथा सेंस: सूंघना (Smell Sense)
सूंघने का काम नाक के अंदर की खुली जगह यानी नेसल कैविटी की ऑलफैक्टरी क्लेफ्ट से शुरू होता है. इसके अंदर नर्व बदबू का पता लगाते हैं और इसके बारे में दिमाग में ऑलफैक्टरी बल्ब को संकेत भेजते हैं जहां उन्हें सूंघने के तौर पर देखा जाता है. कुत्ते में सूंघने की बहुत अच्छी क्षमता होती है, लेकिन रिसर्च संकेत देती हैं कि इंसान भी उतने ही अच्छे हो सकते हैं.
पांचवा सेंस: स्वाद (Taste Sense)
स्वाद को आमतौर पर पांच अलग-अलग तरह के स्वादों के बीच बांटा जा सकता है. इसमें नमकीन, मीठा, खट्टा, कड़वा और उमामी शामिल हैं. आम धारणा के उलट “मसालेदार या स्पाइसी” कोई स्वाद नहीं है, बल्कि यह एक तरह के दर्द का इशारा है जो दिमाग को टेंपरेचर और टच के बारे में जानकारी देता है.
छठा सेंस: प्रोप्रियोसेप्शन (Proprioception Sense)
पांच बड़े सेंस के अलावा प्रोप्रियोसेप्शन नामक एक और सेंस है जो इस बात से ताल्लुक रखता है कि आपका दिमाग स्पेस में आपके शरीर की कंडीशन को कैसे समझता है. प्रोप्रियोसेप्शन में हमारे अंगों और मांसपेशियों की स्पीड और स्थिति का सेंस शामिल है. उदाहरण के लिए प्रोप्रियोसेप्शन एक व्यक्ति को अपनी नाक की नोक को अपनी उंगली से छूने के काबिल बनाता है.
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Rajeshpatel
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