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लापता कर्मी के परिजनों को पेंशन के लिए नहीं करना पड़ता 7 साल इंतजार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा पहले नियम था कि अगर कोई व्यक्ति लापता हो जाए तो उसके परिवार वालों को 7 साल तक कोई पारिवारिक पेंशन नहीं मिल पाता था, पेंशन के लिए या तो आपको उसके शरीर को बरामद होना होता था या साबित करना होता था कि उसकी मृत्यु हो गई है, या फिर पेंशन केलिए 7 साल तक इंतजार करना पड़ता था। इसलिए सरकार ने ऐसे मामलों में परिवारवालों को राहत देने के लिए उस नियम को खत्म कर दिया है। हमने शासन की सुगमता, जीवन में आसानी लाने की कोशिश की है।
एक साल पहले तक सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाला पेंशन सीसीएस पेंशन रूल्स 1972 के तहत कवर होते थे। अगर कर्मचारी कहीं लापता हो जाए तो इसी रूल के तहत उसके परिवार को लाभ दिया जाता था। लापता होने के मामलों में परिवार वालों को पारिवारिक पेंशन के लिए कम से कम सात साल का इंतजार करना पड़ता था। लेकिन 28 अप्रैल 2022 को सरकार ने इस नियम में बदलाव कर दिया। नए नियम के अनुसार सरकारी कर्मचारी जो एनपीएस के तहत कवर हो, अगर लापता होता है तो उसके घरवालों को फैमिली पेंशन का लाभ तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।
इस नियम के तहत एक प्रावधान यह भी किया गया है कि सरकार की ओर से मृत घोषित किए बिना या सात साल इंतजार किए बिना परिवार को फैमिली पेंशन मिलेगी, लेकिन इस दौरान एनपीएस अकाउंट और परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर को निलंबित रखा जाएगा। अब अगर लापता सरकारी कर्मचारी बाद में फिर से सामने आ जाता है और सर्विस जॉइन कर लेता है, तो परिवार को दी गई फैमिली पेंशन की राशि उसकी आगे की सैलरी से काट ली जाएगी। इसके साथ ही कर्मचारी का एनपीएस अकाउंट और परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर भी एक बार फिर सक्रिय कर दिया जाएगा।