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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सभी 12 सरकारी बैंकों का मुनाफा 2022-23 में बढ़कर 1,05,298 करोड़ रुपये के अब तक के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया। इसमें करीब आधी हिस्सेदारी अकेले एसबीआई की है, जो बैंक के मुनाफे के लिहाज से रिकॉर्ड है। वहीं, मार्च अवधि तिमाही में सभी 12 सरकारी बैंकों ने 34,643 करोड़ का मुनाफा कमाया है। खास बात है कि 12 सरकारी बैंकों में से कोई भी घाटे में नहीं है। इन बैंकों के बुरे फंसे कर्जों (एनपीए) में भी गिरावट आई है।
इस रिकॉर्ड मुनाफे की कई वजह हैं। एक तो बैंकों ने अपनी बैलेंसशीट को साफ-सुथरा किया है। इस वजह से उन्होंने लाखों करोड़ रुपये के कर्ज को राइट ऑफ कर दिया है यानी उसे अपनी बैलेंसशीट से हटा दिया है। पिछले 6 साल में 9 लाख करोड़ के कर्ज बट्टे खाते में डाले गए हैं। इसके अलावा, कोरोना काल के बाद मांग बढ़ने पर बैंकों ने जमकर कर्ज बांटे। इसके साथ ही खुदरा कर्ज में भी भारी तेजी आई।
आंकड़ों के मुताबिक, सरकारी बैंकों के एनपीए में भी भारी गिरावट आई है। 2022-23 में इनका शुद्ध एनपीए घटकर औसतन 1.43 फीसदी पर आ गया। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का एनपीए घटकर 2.72 फीसदी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 1.77 फीसदी और यूनियन बैंक का 1.70 फीसदी रह गया।