प्रौद्योगिकी

चाइना ने Oppo, Vivo और Xiaomi ने की 9,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी

Tara Tandi
25 July 2023 9:52 AM GMT
चाइना ने  Oppo, Vivo और Xiaomi ने की 9,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी
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चीनी स्मार्टफोन कंपनियों ओप्पो मोबाइल, वीवो इंडिया और श्याओमी टेक्नोलॉजी ने करीब 9,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। यह जानकारी केंद्र सरकार की ओर से संसद को दी गई है. इसमें सीमा शुल्क और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी शामिल है। इन कंपनियों ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में इस टैक्स की चोरी की है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में बताया कि इन कंपनियों ने करीब 9,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है और इसमें से 1,629.87 करोड़ रुपये सरकार से वसूले जा चुके हैं. ओप्पो ने 5,086 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है. इसमें 4,403 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क और 683 करोड़ रुपये का जीएसटी शामिल है। वीवो ने 2,923.25 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है. इसमें 2,875 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क और 48.25 करोड़ रुपये का जीएसटी शामिल है। इसके अलावा चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Xiaomi के मामले में 851.14 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का पता चला है। इसमें 682.51 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क और 168.63 करोड़ रुपये का जीएसटी शामिल है।
भारत में Xiaomi के बिजनेस के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। कंपनी को बाजार हिस्सेदारी घटने और नियामकीय सख्ती जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। Xiaomi ने देश में अपनी यूनिट का पुनर्गठन करने का फैसला किया है। इस वजह से कंपनी से कर्मचारियों की छंटनी हो रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, Xiaomi के पास इस साल की शुरुआत में देश में लगभग 1,500 कर्मचारी थे। कंपनी ने हाल ही में करीब 30 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। जल्द ही फिर से छंटनी हो सकती है. पिछले कुछ महीनों में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी घटी है. इस वजह से वह अपने संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल और खर्चों में कटौती जैसे कदम उठा रही है. सैमसंग जैसी कंपनियों ने इसके मार्केट शेयर में सेंध लगाई है। कम कीमत वाले स्मार्टफोन की श्रेणी में कम मौजूदगी के कारण भी कंपनी को नुकसान हो रहा है।
सरकार ने चीनी मोबाइल कंपनियों के लिए नए नियम बनाए हैं। सरकार ने इन कंपनियों से देश में अपने कारोबार में भारतीय इक्विटी साझेदारों को शामिल करने को कहा है। इसके अलावा इन कंपनियों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी, मुख्य वित्तीय अधिकारी और मुख्य तकनीकी अधिकारी जैसे वरिष्ठ पदों पर भारतीय अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी।
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