प्रौद्योगिकी

EV का हब बनने के लिए Ola इलेक्ट्रिक इंडिया में लगाएगी 50GWh का बैटरी प्‍लांट

Aariz Ahmed
24 Feb 2022 1:34 PM GMT
EV का हब बनने के लिए Ola इलेक्ट्रिक इंडिया में लगाएगी 50GWh का बैटरी प्‍लांट
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Ola Electric के CEO भाविश अग्रवाल ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि भारत को EV का हब बनाने के लिए कंपनी अग्रणी रहने का लक्ष्य लेकर चल रही है। उसने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स के तौर पर अपने प्रोडक्ट्स भी लॉन्‍च किए हैं। इनकी कीमत 1-1.30 लाख रुपये के बीच है। इनकी मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के तमिलनाडु में मौजूद प्लांट में की जा रही है। ताजा जानकारी यह है कि ओला इलेक्ट्रिक ने भारत में 50 गीगावाट आवर्स (GWh) की क्षमता के साथ एक बैटरी सेल मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्‍लांट बनाने की योजना बनाई है। एक सोर्स ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ओला को 10 मिलियन इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने के अपने सालाना लक्ष्य को पूरा करने के लिए 40GWh बैटरी कैपिसिटी की जरूरत होगी। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक कारों के लिए भी बैटरी कैपिसिटी चाहिए होगी। हालांकि इलेक्ट्रिक कारें ओला की भविष्‍य की योजना हैं।

शुरुआत में साल 2023 तक 1GWh बैटरी कैपिसिटी स्थापित करने और अगले 3-4 साल में इसे 20GWh तक बढ़ाने की योजना है। इस प्‍लान की जानकारी रखने वाले एक और सोर्स ने रॉयटर्स को बताया कि सिर्फ इस प्‍लान में ही 1 बिलियन डॉलर (लगभग 7,560 करोड़ रुपये) तक के निवेश की जरूरत होगी।

ओला खुद भी ऐसी कंपनियों में निवेश करना चाहती है, जो एडवांस्‍ड सेल और बैटरी टेक्‍नॉलजी पर काम कर रही हैं। वह भारत में बैटरी रिसर्च और डेवलपमेंट फैसिलिटी भी स्‍थापित करेगी। फ‍िलहाल कंपनी अपने बैटरी सेल को साउथ कोरिया से आयात करती है।

बैटरी सेल मैन्‍युफैक्‍चरिंग में अभी CATL, LG एनर्जी सॉल्यूशंस और पैनासॉनिक समेत कुछ और एशियाई कंपनियों का वर्चस्व है। ये कंपनियां टेस्ला और वोक्सवैगन जैसी बड़ी इलेक्ट्रिक ऑटो मेकर कंपनियों को सप्‍लाई देती हैं। प्रमुख वैश्विक वाहन निर्माताओं को आपूर्ति करती हैं।

ओला इलेक्ट्रिक के चीफ मार्केटिंग ऑफ‍िसर, वरुण दुबे ने रॉयटर्स से कहा कि हमारे लिए बैटरी, सेल रिसर्च और मैन्‍युफैक्‍चरिंग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। हमारी योजनाएं एडवांस्‍ड स्‍टेज में हैं, जिनके बारे में हम कुछ नहीं कहा जा सकता।

सरकार के नजरिए से देखें, तो भारत चाहता है कि कंपनियां स्थानीय स्तर पर स्वच्छ ईंधन वाले व्‍हीकल्‍स और बैटरी का निर्माण करें। सरकार इसके लिए 6 अरब डॉलर तक का इंसेंटिव देने की योजना बना रही है। ओला उन कंपनियों में शामिल है, जिन्होंने इसके लिए अपने कदम आगे बढ़ाए हैं।

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