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जाने इस छोटे से गैजेट्स की मदद से कैसे बढ़ जाती है स्पीड

Sanjna Verma
20 April 2024 3:54 PM GMT
जाने इस छोटे से गैजेट्स की मदद से कैसे बढ़ जाती है स्पीड
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पंखे हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाते हैं, खासकर गर्मी के मौसम में। भीषण गर्मी में पंखे ठंडी, ठंडी हवा देकर गर्मी से राहत देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये पंखे किस तकनीकी शक्ति से काम करते हैं, जो हमें ठंडी हवा देते हैं? इसमें एक खास तकनीक जो अहम भूमिका निभाती है, वो है कंडेनसर यानी कैपेसिटर। कंडेनसर की मदद से पंखे की स्पीड भी बढ़ती है। आइए जानते हैं ये सब कैसे होता है।पंखे हमारे लिए बहुत जरूरी हो जाते हैं, खासकर गर्मी के मौसम में। भीषण गर्मी में पंखे ठंडी, ठंडी हवा देकर गर्मी से राहत देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये पंखे किस तकनीकी शक्ति से काम करते हैं, जो हमें ठंडी हवा देते हैं? इसमें एक खास तकनीक जो अहम भूमिका निभाती है, वो है कंडेनसर यानी कैपेसिटर। कंडेनसर की मदद से पंखे की स्पीड भी बढ़ती है। आइए जानते हैं ये सब कैसे होता है।

कंडेनसर क्या है?

कंडेनसर एक ऐसा उपकरण है, जो विद्युत ऊर्जा को स्टोर करने का काम करता है। इसमें दो इंसुलेटेड कंडक्टर होते हैं, जो एक-दूसरे के पास होते हैं। इलेक्ट्रिक पंखे के सर्किट में एक स्विच, एक स्टार्टिंग वाइंडिंग, एक रनिंग वाइंडिंग और एक स्टेटर शामिल होता है। स्टार्टिंग वाइंडिंग और रोटर से एक कंडेनसर जुड़ा होता है।

पंखे में कंडेनसर क्यों होना चाहिए?

समस्या यह है कि पंखे की मोटर अपने आप स्टार्ट नहीं होती। इसे स्टार्ट करने के लिए अलग से बिजली की जरूरत होती है। अगर आप पंखे को सीधे बिजली से चलाएंगे तो यह नहीं चलेगा। इस समस्या को दूर करने के लिए कंडेनसर का इस्तेमाल किया जाता है। कंडेनसर पंखे की मोटर में वाइंडिंग के एक हिस्से से जुड़ा होता है जो करंट को अलग-अलग फेज में बांटता है। इससे वाइंडिंग के बीच फेज डिफरेंस बनता है।इलेक्ट्रिकल एक्सपर्ट मोहम्मद कासिम ने बताया कि अगर हम बिना कंडेनसर के पंखे को स्टार्ट करेंगे तो यह नहीं चलेगा। आपने देखा होगा कि अक्सर जब पंखा नहीं चलता तो लोग इसे अपने हाथों से या किसी डंडे की मदद से चलाने की कोशिश करते हैं। यह शुरुआती धक्का होता है, जिसका इस्तेमाल पंखे को स्टार्ट करने के लिए किया जाता है।

कंडेनसर पंखे में यह बल पैदा करता है, जो पंखे को घूमने की शक्ति देता है। वाइंडिंग में फेज डिफरेंस बनने के बाद मैग्नेटिक फील्ड (टॉर्क) बनता है, जो रोटर को मैग्नेटिक फील्ड की तरफ घुमाता है। कंडेनसर को आमतौर पर सेंट्रीफ्यूगल स्विच के जरिए जोड़ा जाता है, जिससे पंखे की पावर बढ़ती है। कंडेनसर से पंखे की स्पीड बढ़ती है अगर पंखे में कंडेनसर नहीं है, तो हर करंट साइकिल में मैग्नेटिक फ्लक्स जाएगा। इससे पंखे में मैग्नेटिक फील्ड नहीं बनेगा और पंखा घूमेगा नहीं। यही वजह है कि हम सीलिंग फैन कंडेनसर (कैपेसिटर) का इस्तेमाल करते हैं। बाजार में हाई-स्पीड फैन कंडेनसर भी मिलते हैं। इनका काम पंखे की स्पीड बढ़ाना होता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका पंखा तेज स्पीड से चले, तो आप हाई-स्पीड कंडेनसर खरीद सकते हैं। इससे पंखे की स्पीड बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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