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बेंगलुरू | नोकिया की 6जी रिसर्च लैब के उद्घाटन के दौरान नोकिया के अध्यक्ष और सीईओ पेक्का लुंडमार्क में भारत में 5जी कनेक्टिविटी नेटवर्क के डेप्लॉयमेंट के बारे में बात की। उनके अनुसार, भारत वर्तमान में सबसे बड़े 5जी उपयोगकर्ता में से एक है और ये सबसे बड़े 5जी स्थापित बेस वाले टॉप 3 देशों में आता है।
बता दें कि, ये उपलब्धि भारत में 5जी तकनीक के विकास और उसे लागू करने की अहम प्रगति को दिखाती है। वहीं लुंडमार्क के मुताबिक, ये दूरसंचार के बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए देश की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारत में 5जी रोल आउट वास्तव में उल्लेखनीय है।
उन्होंने कहा कि ये अब तक के सबसे तेज टेलीकॉम नेटवर्क रोल आउट में से एक रहा है और भारत के पास बड़ा 5जी बेस है। उनके मुताबिक, भारत में 5जी डाउनलोड स्पीड कई अन्य उन्नत बाजारों में पाई जाने वाली स्पीड के आगे है।
प्रमुख देशों में टेलीकॉम गियर शिपमेंट में गिरावट के बावजूद भारत का 5जी रोल आउट एरिक्सन और नोकिया के कारोबार में गिरावट की भरपाई करने में सक्षम है। नोकिया ने 2023 की जून तिमाही में भारत में टेलीकॉम उपकरणों की ब्रिकी से 333 प्रतिशत की बढ़त के साथ लगभग 9,500 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की।
JM फाइनेंशियल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस जियो और एयरटेल अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए चालू वित्त वर्ष में लगभग 75 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 में जियो लगभग 42 हजार करोड़ रुपये और भारतीय एयरटेल लगभग 33 सौ करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है।
हालांकि, उनकी घोषमा के अनुसार, 5जी नेटवर्क रोल आउट लक्ष्य पूरा होने के बाद निवेश कम हो जाएगा। नोकिया 6जी लैब का उद्देश्य 6जी तकनीक पर आधारित टेक्नोलॉजी और उनके कई प्रकार के उपयोग के विकास में तेजी लाना है। भारत ने 65 जी तकनीक पर पहले ही 200 से ज्यादा पेटेंट हासिल कर लिए हैं।
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