- Home
- /
- प्रौद्योगिकी
- /
- Google पर आ पड़ी बड़ी...
प्रौद्योगिकी
Google पर आ पड़ी बड़ी मुसीबत, अमेरिकी कोर्ट ने कसा शिकंजा
Tara Tandi
6 Aug 2024 9:04 AM GMT
![Google पर आ पड़ी बड़ी मुसीबत, अमेरिकी कोर्ट ने कसा शिकंजा Google पर आ पड़ी बड़ी मुसीबत, अमेरिकी कोर्ट ने कसा शिकंजा](https://jantaserishta.com/h-upload/2024/08/06/3928537-3.webp)
x
Google टेक न्यूज़: आजकल आपको हर सवाल का जवाब गूगल 'बाबा' के पास मिल जाएगा। करोड़ों लोग हर रोज इसका इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हाल ही में एक अमेरिकी जज ने एक फैसले में गूगल को सर्च इंजन में एकाधिकार का दोषी माना है। जज ने पाया कि गूगल ने अरबों डॉलर खर्च करके अवैध एकाधिकार बनाया है और दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन बन गया है। यह फैसला बिग टेक कंपनियों के बाजार प्रभुत्व के खिलाफ अमेरिकी सरकार की बड़ी जीत है।
यह फैसला गूगल और दूसरी टेक कंपनियों के लिए बड़े बदलाव का संकेत लग रहा है। अब कोर्ट इस फैसले के आधार पर कुछ सुधारों पर विचार करेगा। इन सुधारों में गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का विभाजन भी शामिल हो सकता है। अगर ऐसा होता है तो ऑनलाइन विज्ञापन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
अभी खत्म नहीं हुई है कानूनी लड़ाई…
हालांकि, अभी यह कानूनी लड़ाई खत्म नहीं हुई है। गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने भी इस फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। यह मामला कई सालों तक चल सकता है।
अल्फाबेट के शेयरों में गिरावट
इस फैसले के बाद अल्फाबेट के शेयरों में 4.5 फीसदी की गिरावट आई है। इसकी वजह यह है कि निवेशकों को डर है कि इस फैसले से कंपनी के भविष्य पर असर पड़ सकता है।
इस फैसले का क्या मतलब है?
यह फैसला टेक कंपनियों के लिए चेतावनी है। इससे पता चलता है कि सरकार इन कंपनियों को बाजार पर हावी होने को बर्दाश्त नहीं करेगी। यह फैसला उपभोक्ताओं के लिए भी फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है और जो सेवाएं अभी ऊंचे दामों पर मिल रही हैं, उनके दाम भी कम हो सकते हैं।
गूगल बनाम अमेरिकी सरकार: मामले में नया मोड़
अमेरिकी अदालत द्वारा गूगल को एकाधिकार का दोषी ठहराए जाने के बाद इस मामले में नया मोड़ आ गया है। गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट ने इस फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है। कंपनी का कहना है कि अदालत ने माना है कि गूगल सबसे अच्छा सर्च इंजन है लेकिन फिर भी कंपनी को इसे आसानी से उपलब्ध कराने से रोका जा रहा है।
अमेरिकी सरकार की बड़ी जीत
दूसरी ओर, अमेरिकी सरकार इस फैसले को बड़ी जीत मान रही है। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने इसे "अमेरिकी लोगों की ऐतिहासिक जीत" बताया है। उन्होंने कहा कि कोई भी कंपनी, चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने भी इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि अमेरिकी लोगों को एक ऐसा इंटरनेट पाने का हक है जो मुफ़्त, निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी हो।
गूगल अरबों डॉलर का भुगतान कर रहा है
जज मेहता ने अपने फैसले में कहा है कि गूगल ने अकेले 2021 में 26.3 अरब डॉलर का भुगतान किया ताकि उसका सर्च इंजन स्मार्टफोन और ब्राउजर पर डिफ़ॉल्ट रूप से दिखाई दे। उन्होंने यह भी कहा कि डिफ़ॉल्ट होना मूल्यवान है और कोई भी नई कंपनी तभी प्रतिस्पर्धा कर सकती है जब वह गूगल जितना पैसा खर्च करने को तैयार हो।
तो आगे क्या होगा?
अब देखना यह है कि गूगल की अपील में क्या होता है। अगर अपील खारिज होती है तो गूगल को अपनी कारोबारी रणनीति में बड़े बदलाव करने पड़ सकते हैं। इस मामले के नतीजे का न केवल गूगल बल्कि पूरी तकनीक दुनिया पर गहरा असर पड़ सकता है।
TagsGoogle बड़ी मुसीबतअमेरिकी कोर्टकसा शिकंजाGoogle in big troubleUS court tightens the screwsजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
![Tara Tandi Tara Tandi](/images/authorplaceholder.jpg?type=1&v=2)
Tara Tandi
Next Story