प्रौद्योगिकी

दुनियाभर में 36 फीसदी लोगों को सता रहा है डर ,आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जाने

Tara Tandi
8 Jun 2023 10:44 AM GMT
दुनियाभर में 36 फीसदी लोगों को सता रहा है डर ,आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जाने
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दो दिन पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण नौकरियों पर पड़ने वाले असर को लेकर चिंता जताई थी. अब एक सर्वे में शामिल 36 फीसदी लोगों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से उनकी नौकरी जा सकती है.बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ने 18 देशों में यह सर्वे किया है, जिसमें एग्जीक्यूटिव से लेकर फ्रंट लाइन तक के 12,800 कर्मचारियों का इंटरव्यू लिया गया है। सर्वे में शामिल लोगों का मानना है कि चैटजीपीटी और डेल-ई जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की नई लहर के चलते बिजनेस में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, 60 फीसदी भारतीय कार्यस्थल पर इसके प्रभाव को लेकर काफी सकारात्मक हैं। हालांकि अलग-अलग देशों में इसके प्रभाव को लेकर मतभेद है।
वैश्विक स्तर पर सर्वे में शामिल 36 फीसदी लोगों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से उनकी नौकरी जा सकती है. मार्च 2023 में गोल्डमैन सैक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से 30 करोड़ फुल-टाइम जॉब खतरे में पड़ सकती है। पिछले साल पीडब्ल्यूसी (पीडब्ल्यूसी) ने अपने वार्षिक ग्लोबल वर्कफोर्स सर्वे में कहा था कि एक तिहाई लोगों को डर है कि अगले तीन साल में नई तकनीक उनकी जगह ले सकती है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के एक सर्वे के मुताबिक, ब्राजील में 71 फीसदी लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर पॉजिटिव हैं। भारत में यह संख्या 60 प्रतिशत है। मिडिल ईस्ट में 58 फीसदी इसे लेकर पॉजिटिव हैं। लेकिन अमेरिका में 46 फीसदी, नीदरलैंड में 44 फीसदी और जापान में केवल 40 फीसदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर बहुत कम आशावादी हैं। नीदरलैंड में 42 फीसदी, फ्रांस में 41 फीसदी और जापान में 38 फीसदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव को लेकर काफी चिंतित हैं। भारत में ऐसे लोगों की संख्या महज 14 फीसदी है।
भारत में 61 फीसदी लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर आशान्वित हैं, जबकि 72.8 फीसदी का मानना है कि इससे फायदा होगा. 88 फीसदी लोगों का मानना है कि एआई की वजह से उनकी नौकरियों में बड़ा बदलाव आएगा. सर्वे में शामिल 80 फीसदी लोग भी इसे रेगुलेट करने के पक्ष में हैं. सर्वे में शामिल 52 फीसदी लोग अपने काम में इसके असर को लेकर काफी आशान्वित हैं, जबकि 2018 में ऐसे लोगों की संख्या महज 35 फीसदी थी. बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के एमडी निपुन कालरा के अनुसार, 18 देशों में किए गए एक सर्वेक्षण में भारतीय अधिकारी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव के बारे में सबसे सकारात्मक हैं।
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