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ऑटो डेस्क : देश की पॉपुलर वाहन निर्माता कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा को 600 करोड़ का निवेश मिलने जा रहा है। ये निवेश विश्व बैंक समूह की शाखा आईएफसी एक यूनिट लास्ट-माइल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में करने जा रही है। कंपनी इस फंड से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करेगी। आइए आपको बताते हैं क्या है पूरी जानकारी।
कंपनी में ये 600 करोड़ रुपये का निवेश इलेक्ट्रिक वाहन के निर्माण के लिए किया जाएगा। महिंद्रा IFC द्वारा किए जाने वाले इस निवेश की राशि को कारगो सेगमेंट के इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स व फोरव्हीलर के निर्माण में उपयोग करेगी। इनका निर्माण महिंद्रा एंड महिंद्रा की यूनिट लास्ट-माइल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी द्वारा किया जाएगा। कंपनी अपने थ्री-व्हीलर्स Alfa, Treo, Zor के साथ Jeto को इलेक्ट्रिक अवतार देगी।
महिंद्रा एंड महिंद्रा के एमडी और सीईओ अनीश शाह ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए बताया कि भारत ने अपने लिए जो जलवायु लक्ष्य निर्धारित किए हैं, उन्हें हासिल करने के लिए परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करना महत्वपूर्ण है। स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने पर ध्यान देने के साथ आईएफसी हमारे लिए एक आदर्श भागीदार है।
ऑटो और कृषि क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक और सीईओ राजेश जेजुरिकर ने कहा कि लास्ट-माइल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, इलेक्ट्रीफिकेशन और विकास दोनों ही मामले में जबरदस्त प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा, "इस सेगमेंट में मार्केट लीडर होने के नाते, हमारे पास इस सेगमेंट में उच्च ईवी पैठ बनाने और लघु उद्यमियों को अधिक टिकाऊ और लाभदायक विकल्प प्रदान करने का अवसर है।"
वहीं दक्षिण एशिया के लिए IFC के क्षेत्रीय निदेशक हेक्टर गोमेज आंग ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा तिपहिया वाहन बाजार है। उनकी कंपनी यह निवेश कारगो सेगमेंट के साथ-साथ छोटे इलेक्ट्रिक कॉमर्शियल वाहन के उत्पादन के लिए करेगी। उन्होंने आगे कहा कि उनकी कंपनी भारत में EV को अपनाने और सरकार को अपने जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी।