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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एनएसजी के एक पूर्व अधिकारी और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने उनकी 45 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को कुर्क किया है। उनपर मानेसर (गुरुग्राम) में 'ब्लैक कैट्स कमांडो' बल की चौकी में नागरिक कार्य करने के लिए निविदा दस्तावेजों में कथित जालसाजी का आरोप है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निरोधक कानून के तहत आरोपी प्रवीण यादव और उसके परिवार के सदस्यों की कुल 45.20 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया। बयान में कहा गया है कि प्रवीण यादव सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से प्रतिनियुक्ति पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) में शामिल हुए थे और दिल्ली के पास गुरुग्राम के मानेसर स्थित कमांडो बल की चौकी में टीम कमांडर (डिप्टी कमांडेंट रैंक के बराबर) के रूप में तैनात थे।
एनएसजी का ठेका देने के नाम पर कथित धोखाधड़ी पिछले साल जनवरी में तब सामने आई थी जब गुरुग्राम पुलिस ने एनएसजी अधिकारी, उसकी पत्नी ममता यादव, बहन रितुराज और कुछ अन्य को गिरफ्तार किया था। प्रवीण की बहन गुरुग्राम के सेक्टर 84 स्थित एक्सिस बैंक शाखा में प्रबंधक के रूप में काम कर थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कुल पांच प्राथमिकियां दर्ज की हैं जिनमें दिनेश मोहन सोरखी, कमल सिंह, कोशिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, नवीन खटोदिया, एक्सिस बैंक और अज्ञात लोग शामिल हैं।
ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि प्रवीण यादव ने मानेसर स्थित एनएसजी के केंद्रीय गोदाम के लिए ईएमडी (बयाना धन जमा) के नाम पर एक्सिस बैंक, में एक 'जाली' बैंक खाता खोला और सभी शिकायतकर्ताओं (इच्छुक ठेकेदारों) को जाली दस्तावेज दिए। इन्हें एनएसजी परिसर में कार्यों के लिए आगामी निविदाओं के लिए बल द्वारा जारी किए गए दस्तावेजों के रूप में पेश किया गया था।
ईडी ने आरोप लगाया कि प्रवीण यादव ने मानेसर स्थित एनएसजी के केंद्रीय गोदाम के लिए ईएमडी के नाम पर बैंक खाते सहित विभिन्न खातों के जरिए उसने शिकायतकर्ताओं से धोखाधड़ी से पैसा हासिल किया और उन्हें धोखा दिया। इसमें कहा गया है कि इस धन को या तो विभिन्न बैंक खातों में जमा किया गया है या व्यापार खातों में निवेश किया गया है या ममता यादव, ऋतुराज यादव, नवीन और दिनेश कुमार की मदद से चल और अचल संपत्तियों की खरीद के लिए भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया गया है। ईडी ने कहा कि यह पाया गया कि आरोपियों ने जमीन और शानदार कारें खरीदने के लिए इस पैसे का 'इस्तेमाल' किया