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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | श्रीलंका की दिवालिया हो चुकी अर्थव्यवस्था को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। आईएमएफ का मानना है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे देश की अर्थव्यस्था पटरी पर लौट रही है। आईएमएफ के उप प्रबंध निदेशक केंजी ओकामुरा ने बीते दिन यानी गुरुवार को देश की अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के अंत में यह बात कही।उन्होंने साथ ही श्रीलंका के अधिकारियों और आम लोगों से कहा कि सुधार की इस रफ्तार को बनाए रखने की जरूरत है। महत्वपूर्ण नीतिगत कार्रवाइयों के कारण श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में सुधार के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं, लेकिन आर्थिक सुधार चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। अधिकारियों और श्रीलंकाई के लोगों दोनों को मजबूती के साथ सुधार की गति को बरकरार रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ऋणदाताओं के साथ लगातार खुला संवाद ऋण स्थिरता को बहाल करने के लिए पुनर्गठन समझौतों तक पहुंचने में मदद करेगा। इससे पहले श्रीलंका में आईएमएफ की शर्तों को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच इस अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था ने सफाई दी थी। उसने कहा था कि विशेष परिस्थितियों के कारण आईएमएफ को सख्त शर्तें लगानी पड़ीं। संस्था के एक अधिकारी ने कहा था कि जब देश अपने ऊपर मौजूद कर्ज को चुकाने की स्थिति में नहीं रहा, तब सरकार को आईएमएफ के पास जाना पड़ा और आईएमएफ की शर्तों को स्वीकार करना पड़ा।
इससे पहले राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने श्रीलंका के ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम के बारे में अहम जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि इस साल सितंबर तक ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम पूरा हो जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स में श्रीलंकाई राष्ट्रपति के हवाले से कहा गया कि ऋण पुनर्गठन कार्यक्रम के पूरा हो जाने के बाद देश की दिवालिया अर्थव्यवस्था को स्थिर स्तर पर लाया जाएगा।