प्रौद्योगिकी

Meta कंपनी पर केस, लड़की के पैरेंट्स ने कही यह बात

jantaserishta.com
14 Jun 2022 8:16 AM GMT
Meta कंपनी पर केस, लड़की के पैरेंट्स ने कही यह बात
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स दुनिया के बड़े हिस्से को प्रभावित करते हैं. खासकर युवाओं के जीवन में सोशल मीडिया कुछ ज्यादा ही महत्व रखता है. पिछले एक दशक में Facebook, Instagram, WhatsApp और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स हमारी रोजमार्रा की लाइफ का हिस्सा बन गए हैं.

बच्चों और युवाओं पर इन प्लेटफॉर्म्स के दुष्प्रभाव भी पड़ रहे हैं. लोगों को एक दूसरे के नजदीक लाने की परिकल्पना के साथ आए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स अब लोगों को एक दूसरे से दूर कर रहे हैं.
इन प्लेटफॉर्म्स का हमारे जीवन पर इस तरह का प्रभाव है कि बहुत से लोग डिप्रेशन और एंजायटी का शिकार हो रहे हैं. इसका एक ताजा मामला अमेरिका में देखने को मिला है.
अमेरिका में एक लड़की के माता-पिता ने फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी Meta पर केस किया है. लड़की के घरवालों का कहना है कि इंस्टाग्राम यूज करने की 'आदत' की वजह से उनकी बच्ची को ईटिंग डिसऑर्डर, खुद को नुकसान पहुंचाने और आत्महत्या के विचार जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कंपनी के खिलाफ कैलेफोरिया की नॉर्दर्न डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में केस किया गया है. केस में मेटा ने इंटरनल रिसर्च पेपर का जिक्र भी किया गया है, जो लीक हुए थे. इंस्टाग्राम के लीक हुए पेपर्स में यूजर्स के बिहैवियर को लेकर कुछ सर्वे किए गए थे.
दर्ज मामले में बताया गया है कि लड़की ने 11 साल की उम्र में अपने माता-पिता की जानकारी के बिना इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया था, जो 13 साल की मिनिमम एज की रिक्वायरेमेंट से कम है.
इंस्टाग्राम पर अकाउंट बनाने के लिए बच्चों की उम्र कम से कम 13 साल होनी चाहिए. पैरेंट्स ने आरोप लगाया है कि इंस्टाग्राम के आर्टिफिशल इंटेलिजेंस इंजन ने लड़की को प्लेटफॉर्म का आदी बना दिया.
साथ ही उसे खुद को नुकसान पहुंचाने वाले कंटेंट भी दिखाए गएं. लड़की की उम्र अब 19 साल हो चुकी है, लेकिन वह डिप्रेशन और एंजायटी से भरी हुई है. रिपोर्ट्स की मानें तो 'आत्मविश्वास से भरी और खुश रहने वाली' वह लड़की अब हॉस्पिटल में एडमिट है और इन दिक्कतों से जूझ रही है.
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