प्रौद्योगिकी

इंसानों में लगेगी ब्रेन चिप! आखिर दिमाग में चिप लगाकर करना क्या चाहते हैं एलन मस्क?

jantaserishta.com
21 Jan 2022 8:06 AM GMT
इंसानों में लगेगी ब्रेन चिप! आखिर दिमाग में चिप लगाकर करना क्या चाहते हैं एलन मस्क?
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नई दिल्ली: Elon Musk ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस टेक्नोलॉजी का इंसानों पर ट्रायल करने के लिए एक कदम और आगे बढ़ गए हैं. इसके लिए Elon Musk के न्यूरोटेक स्टार्टअप Neuralink ने Clinical Trial Director के लिए जॉब पोस्ट किया है.

यानी Neuralink ब्रेन-चिप रिसर्च को अगले स्टेज पर ले जाने के लिए तैयार है. Neuralink इससे पहले सूअर और बंदर पर ट्रायल कर चुका है. इसमें एक 9-साल के बंदर में भी चिप लगाई गई थी जिससे वो केवल माइंड से वीडियो गेम खेल पा रहा था.
ये स्टार्टअप टेक्नोलॉजी का यूज करके ह्यूमन-AI सिम्बायोसिस बनाने की कोशिश कर रही है. Elon Musk ने पिछले महीने कहा था कि ह्यूमन पर इसका अर्ली ट्रायल 2022 में शुरू होगा. इसमें पैरालिसिस वाले लोगों को शामिल किए जाने की संभावना है. इससे कंप्यूटर कर्सर का डायरेक्ट न्यूरल कंट्रोल गेन करने की कोशिश की जाएगी.
जिस पोस्ट के लिए ये जॉइनिंग की जा रही है उसमें कहा गया कि ये पद वैसे कैंडिडेट के लिए है जो मिशन को समझते हो तथा ऊपर और आगे के लिए इच्छुक और उत्सुक" हैं. Clinical Trial Director कैंडिडेट को सबसे ज्यादा इनोवेटिव डॉक्टर्स और टॉप इंजीनियर्स के साथ काम करना होगा.
इसके साथ-साथ Neuralink के पहले क्लिनिकल ट्रायल पार्टिशिपेंट के तौर पर काम करने का भी मौका मिलेगा. इसको लेकर पहले Bloomberg ने रिपोर्ट किया था.
मस्क के अनुसार Neuralink डिवाइस सिक्के के साइज का है और इसे स्कल या खोपड़ी में लगाया जा सकता है. Neuralink के टेक्नोलॉजी का पहला प्रैटिकल ऐप्लीकेशन ब्रेन डिसऑर्डर और डिजीज वाले लोगों को ठीक करना होगा.
Elon Musk ने ये भी कहा है कि ब्रेन और स्पाइन के प्रॉब्लम को आसानी से बस एक डिवाइस लगा कर सॉल्व किया जा सकता है. SpaceX और Tesla के चीफ मस्क के अनुसार Neuralink के ब्रेन चिप का पोटेंशियल लिमिटलेस है. इससे पैरालिसिस, हियरिंग, ब्लाइंडनेस को सॉल्व किया जा सकता है.
उन्होंने ये भी कहा फ्यूचर में आप मेमोरी को सेव या रिप्ले कर सकते हैं. इसे आप नए बॉडी या रोबोट बॉडी में भी डाउनलोड कर सकते हैं. इससे पहले दिखाए वीडियो में उन्होंने दिखाया था कि एक बंदर केवल सोचने भर से वर्चुअल पैडल को मूव कर रहा था. अब ये रिसर्च ह्यूमन ट्रायल की ओर आगे बढ़ रहा है.
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