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नई दिल्ली: Cambridge Analytica मामले में फेसबुक और मेटा के CEO Mark Zuckerberg की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं. साल 2018 में करोड़ों फेसबुक यूजर्स के डेटा लीक के मामले में मार्क जकरबर्ग पर एक बार फिर मुकदमा किया गया है. वॉशिंगटन डीसी के अटॉर्नी जनरल Karl Racine ने मार्क पर केस किया है.
उन्होंने मार्क पर यूजर्स के डेटा को सुरक्षित ना रखने की वजह से केस किया है. Karl Racine ने बताया, 'सबूत बताते हैं कि जकरबर्ग कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में यूजर्स के डेटा और प्राइवेसी को सिक्योर रखने में फेसबुक की विफलता में व्यक्तिगत तौर पर मिले हुए थे.'
मार्क जकरबर्ग की वजह से लीक हुआ डेटा
सोमवार को Karl ने कहा, 'इस सिक्योरिटी ब्रीच में करोड़ों अमेरिकी यूजर्स का डेटा लीक हुआ और मार्क जकरबर्ग की पॉलिसी ने यूजर्स को कई साल तक मिसलीड किया है.' उन्होंने बताया कि यह मुकदमा के केवल वारंटेड नहीं है, बल्कि जरूरी भी है. यह कॉर्पोरेट लीडर्स समेत CEOs के लिए एक संदेश होगा कि उनके एक्शन की जिम्मेदारी भी उनकी ही है.
इस केस में साफ कहा गया है कि मार्क जकरबर्ग कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में 'जिम्मेदार हैं' और वह फेसबुक ऑपरेशन और कैम्ब्रिज एनालिसिका को यूजर्स के डेटा यूज करने को 'कंट्रोल कर सकते थे.' Racine ने साल 2018 में डेटा लीक मामले में फेसबुक के खिलाफ एक केस फाइल किया था.
पहले लग चुका है जुर्माना
फेसबुक पहले ही इस मामले में पिछली सरकार की स्क्रूटनी झेल चुका है. साल 2019 में फेसबुक पर फेडरल ट्रेड कमीशन ने 5 अरब डॉलर का जुर्माना लगा है. साल 2018 में कैम्ब्रिज एनालिटिका का मामला सामने आया था. लंदन बेस्ड फर्म के पास साल 2015 से फेसबुक यूजर्स का डेटा था और इसका इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में किया गया था.
बिजनेस के लिए किया डेटा लीक?
मामले फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने अभी कोई टिप्पणी नहीं की है. स्कैंडल के खुलासे के बाद कैम्ब्रिज एनालिटिका ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था. Racine ने अपने मुकदमे में कहा है कि जो कुछ भी कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में हुआ, उसे फेसबुक का बिजनेस उद्देश्य माना जाना चाहिए. साथ ही मामले में कहा गया है कि कंपनी अपनी पॉलिसी को मार्क जकरबर्ग के निर्देश के अनुसार अपनाती है.
jantaserishta.com
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