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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | टेक दिग्गज एपल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट ChatGPT पर पाबंदी लगा दी है। कंपनी ने फिलहाल अपने कर्मचारियों के लिए चैटजीपीटी जैसे एआई टूल के इस्तेमाल पर रोक लगाई है। दरअसल, एपल खुद अपने एआई तकनीक को विकसित करने के लिए काम कर रहा है और जल्द ही इसे पेश भी किया जा सकता है। बता दें कि इससे पहले सैमसंग ने भी हाल ही में अपने कर्मचारियों के लिए चैटजीपीटी जैसे एआई टूल के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
एपल पेश कर सकता है स्वयं का AI टूल
वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा एक दस्तावेज और सोर्स का हवाला देते हुए इसकी जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार, एपल ने अपने कर्मचारियों के लिए ChatGPT और अन्य बाहरी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप के उपयोग को सीमित कर दिया है, जब तक कि कंपनी स्वयं इसके जैसी टेक्नोलॉजी को डेवलप नहीं कर लेती।
एपल ने अपने कर्मचारियों को सॉफ्टवेयर कोड को ऑटोमेटिक करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाले GitHub द्वारा उपयोग किए जाने वाले AI प्रोग्राम Copilot का उपयोग नहीं करने की चेतावनी दी है। यह कदम इस चिंता से उठाया गया था कि कर्मचारी गोपनीय जानकारी उजागर कर सकते है। दरअसल, एपल स्वयं के एआई प्रोग्राम पर काम कर रहा है और कंपनी को डाटा लीक का डर है।
एपल की चिंता कितनी सही?
OpenAI ने पिछले महीने ही चैटजीपीटी के लिए इंकॉग्निटो मोड की घोषणा की है, जो यूजर्स की चैट हिस्ट्री को रिकॉर्ड नहीं करता है या चैटजीपीटी की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ाने के लिए उनका उपयोग नहीं करता है। यदि चैटजीपीटी और अन्य चैटबॉट करोड़ों यूजर्स के डाटा का मैनेजमेंट कर रहे हैं, जो अक्सर एआई की क्षमताओं को विकसित करने या "प्रशिक्षित" करने के लिए उपयोग किया जाता है, तो एआई को लेकर चिंताएं जांच के दायरे में आ जाती हैं। यही कारण है कि सैमसंग और एपल जैसी कंपनियों को चैटजीपीटी से अपनी गोपनीय जानकारी लीक होने का डर सता रहा है।