तमिलनाडु में ईडी अफसर 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
तमिलनाडु : तमिलनाडु के टेलीकॉम एवं एसोसिएट्स डायरेक्टोरेट (ईडी) के एक अधिकारी ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि एडीओ अधिकारी ने एक सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की छूट ली थी। गिरफ़्तार अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में हुई है, जो मदुरै स्थित डी.एच.डी. के क्षेत्रीय कार्यालय में स्थित है।
वहीं, मदुरै में डी.जी.आई. के अधिकारी अंकित तिवारी से संबंधित मामले में डी.एच.डी. के कार्यालय में भी ताला लगा हुआ है। लूट के दौरान अपराधियों को ऑफिस के बाहर स्थापित किया गया। डी.डब्ल्यू.एस.एच.आई. को रिश्वत मामले में डी.एच.डी. के अन्य अधिकारियों की संलिप्तता का संदेह है।
#देखें | तमिलनाडु: सीआरपीएफ कर्मी मदुरै में ईडी उप-जोनल कार्यालय पहुंचे, जहां डीवीएसी अधिकारी ईडी अधिकारी अंकित तिवारी से जुड़े मामले के संबंध में तलाशी ले रहे हैं।
ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया… pic.twitter.com/784kmqREEL
– एएनआई (@ANI) 1 दिसंबर, 2023
डी वॉल्सी ने एक बयान में कहा कि सम्राट जादूगर के सामने पेश किए जाने के बाद डिंडीगुल में राजा के रूप में स्थापित स्मारक को प्रदर्शित किया गया था। इसके बाद कोर्ट ने 15 दिसंबर तक नैचुरल को नैचुरल राजघराने में भेज दिया। इससे पहले अधिकारियों ने तिवारी से गहन पूछताछ की। डीएचएसी ने कहा कि हमारी टीम इस बात की जांच कर रही है कि किस कंपनी के अधिकारी ने पहले भी किसी अन्य को ब्लैकमेल या खतरनाक व्यक्ति से पैसे ऐंठे थे।
पुराने स्मार्टफ़ोन मामले के ज़रिये सरकारी कर्मचारी को धमाका
बयान में कहा गया है कि मैसाचुसेट्स अधिकारी ने डिंडीगुल के एक सरकारी कर्मचारी से संपर्क किया और उनके खिलाफ एक एसआईटी केस दर्ज किया, जिसका पहले ही भुगतान किया गया था। स्मारक तिवारी ने कर्मचारी से कहा कि मामले की जांच के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से निर्देश प्राप्त किए गए हैं और सरकारी कर्मचारी को 30 तीर्थयात्रियों को मदुरै स्थित मधु कार्यालय में पेश करने के लिए कहा गया है।
तीन करोड़ रुपये से बचने के लिए कानूनी कार्रवाई
डी. लक्ष्मी ने दावा किया है कि जब सरकारी कर्मचारी मदुरै गए थे, तो तिवारी ने कानूनी कार्रवाई करते हुए छात्रों को छुड़ाने के लिए उनसे तीन करोड़ रुपये हड़पने की बात कही थी। बाद में कहा गया कि उन्होंने अपने बुजुर्गों से बात की और उनकी हिस्सेदारी के अनुसार उन्होंने रिश्वत के रूप में 51 लाख रुपये लेने का वादा किया है। एक नवंबर को स्टाफ ने उन्हें रिश्वत की पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये दिए। बाद में तिवारी ने स्टाफ को प्लास्टिक कॉल और टेक्स्ट मैसेज देकर कई बार धमाका किया कि उन्हें 51 लाख रुपये की पूरी राशि का भुगतान करना होगा, नहीं तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
इस सरकारी कर्मचारी पर संदेह हुआ और उसने गुरुवार को डिंडीगुल जिले के डिप्टी यूनिट के खिलाफ डीएच अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की। इसके बाद शुक्रवार को डी.वी.सी. के अधिकारियों ने स्मारकों से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेकर रंगे हाथ पकड़ लिए। बयान में कहा गया है कि सुबह 10.30 बजे पुनर्वास सहायता अधिनियम के तहत एडी अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने उनके कदाचार के संबंध में कई नाटक दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
रिश्वत मामले में एमडी के अन्य अधिकारियों की जांच होगी
डी वकील ने कहा कि रिश्वत मामले में एमडी के अन्य अधिकारियों की जांच के लिए भी पूछताछ की जाएगी। एसआईटी टीम के अधिकारी तिवारी के आवास और मदुरै में निदेशालय के कार्यालय की सैर कर रहे हैं। मूर्ति तिवारी से जुड़े प्लेस्टेशन की भी दुकान ली जा रही है।