शीत सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोगों ने संसद में हंगामा कम और चर्चा ज्यादा होने की उम्मीद जताई थी, जिस पर पानी फिरता दिख रहा है।