इसके अनुमान के मुताबिक 2022 में वैश्विक व्यापार की वृद्धि दर 3.5 फीसद रहेगी, जबकि 2023 में यह मात्र एक फीसद पर सिमट जाएगी। यह अनुमान एक तरह से वैश्विक मंदी की मुनादी है।