28 सितम्बर वह तारीख है जो हिन्दुस्तान की सेना के शौर्य और अदम्य साहस की गवाह है, क्योंकि ठीक पांच साल पहले इसी रात हिन्दुस्तान के जांबाजों ने वह कर दिखाया था |