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You Searched For "We become what we think"
विचारों की उपज हमारा अस्तित्व
लेखक अर्ल नाइटिंगेल ने कहा है, ‘हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं।’ यानी हम अपने विचारों की उपज हैं। जैसा सोचेंगे, वैसा ही बन जाएंगे। हमारे मन में प्रतिदिन पांच हजार से साठ हजार विचार आते हैं।
29 Jun 2022 4:40 AM GMT