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भारतीय स्वाभिमान का एक अमर स्वर हैं स्वामी विवेकानंद
लंबे समय तक पश्चिमी जगत में भारत के प्रति यह अवधारणा रही कि भारत ‘विचारमग्न पूर्व’ के केंद्र में है। उसका आशय था कि यह पूर्व मात्र सोचता है, करता कुछ नहीं।
12 Jan 2022 2:08 AM GMT