जब से राजनीतिक दलों ने किसी भी तरह सत्ता पाने के समीकरण साधने शुरू किए हैं, तबसे राजनीति में सिद्धांतों की जगह बाकी सारी चीजें प्रभावी होती चली गई हैं।