भारतीय समाज अपने बुजुर्गों की सेवा और सम्मान के लिए जाना जाता है। जिन तीन ऋणों को चुकाए बिना मुक्ति न मिलने की बात कही गई है, उनमें एक ऋण माता-पिता का भी है।