किसी भोगवादी समाज की एक विशेषता यह भी होती है कि वह अपने या दूसरों के भविष्य की सारी फिक्र छोड़ कर केवल अपने वर्तमान को अधिक से अधिक आनंददायक बनाने की चेष्टा में जुट जाता है।