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मुनव्वर कहते हैं अदम की शायरी सड़क से संसद तक गूंजी
हक़ीक़त में यह पनाहगाह थी समाज के उन बाग़ियों की, जिनकी आंख़ें ज़ुल्म और नाइंसाफ़ी की आग में झुलस गयीं थीं।'
22 Oct 2022 1:39 AM GMT