पंजाब में लंबे समय से जो रस्साकशी और उथलपुथल चल रही थी, उसी का नतीजा है कि विधानसभा चुनावों से पांच महीना पहले राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की नौबत आ गई।