बेरोजगारी हमेशा से चुनौती रही है। संकट इसलिए भी गंभीर होता जा रहा है कि इस समस्या के कारण हमारा सामाजिक-सांस्कृतिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न होता जा रहा है।