अब यह स्पष्ट है कि फौज में ‘अग्निपथ’ मार्ग से ही नये ‘अग्निवीर’ सैनिकों की भर्ती होगी जिनकी सेवा शर्तों के बारे में अन्तिम फैसला करने का अधिकार केवल सेना को ही होगा।