रामनवमी के अवसर पर जिस तरह देश के अलग-अलग हिस्सों में पथराव, आगजनी और हिंसा की घटनाएं हुर्इं, वे किसी भी सभ्य समाज की निशानी नहीं कही जा सकतीं।