कश्मीर को लेकर, 1947 से ही, दो विरोधी विचार रहे हैं। ये विचार समय-समय पर कई रूपों में बदलते गए, जिससे यह धारणा बनी कि कश्मीर को लेकर दो से अधिक विचार थे।