मिखाइल गोर्बाचेव का निधन ऐसे समय में हुआ है, जब विश्व में कमोबेश शीत युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। 1917 में जार शासन को खत्म कर एक ऐसी वैश्विक व्यवस्था की नींव पड़ी थी