सब जानते हैं कि पुराने चलन आसानी से समाप्त नहीं होते। इन्हें समाप्त करने के लिए कड़े संघर्ष और आंदोलनों की आवश्यकता पड़ती है। पर आंदोलन करती है जनता और रेवड़ी संस्कृति जो विकसित हुई है