एक दिन सुबह-सुबह हमारे इलाके के बड़े पार्क में एक महान विभूति से मुलाकात हो गई। उनकी धवलकांतिमयी वेशभूषा और धीर-गंभीर व्यक्तित्व, उन्हें महापुरुष मान लेने के लिए पर्याप्त था।