कहने को यह बहुत पुराना और घिसा-पिटा विषय लगता है, लेकिन जिस महिला या उसके परिवार को इसका सामना करना पड़ता है, उन्हीं को इसकी पीड़ा समझ में आती है। दरअसल, हमारी प्रवृत्ति है